🔹 पहला प्रयोग : जीरे का लेप अर्श पर करने से एवं 2 से 5 ग्राम जीरा उतने ही घी-शक्कर के साथ खाने से एवं गर्म आहार का सेवन बंद करने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
🔹 दूसरा प्रयोग : बड़ के दूध सेवन से रक्तप्रदर व खूनी बवासीर का रक्तस्राव बन्द होता है।
🔹 तीसरा प्रयोग : अनार के छिलके का चूर्ण नागकेशर के साथ मिलाकर देने से अर्श (बवासीर) का रक्तस्राव बंद होता है।
🔹 चौथा प्रयोग : दो सूखे अंजीर शाम को पानी में भिगो दे। सवेरे के भगोये दो अंजीर शाम चार-पांच बजे खाएं। एक घंटा आगे पीछे कुछ न लें। आठ दस दिन के सेवन से बादी और खुनी हर प्रकार की बवासीर ठीक हो जाती है।
🔹 पाँचवा प्रयोग : बवासीर को जड़ से दूर करने के लिए और पुन: न होने के लिए छाछ सर्वोत्तम है। दोपहर के भोजन के बाद छाछ में डेढ़ ग्राम ( चौथाई चम्मच ) पीसी हुई अजवायन और एक ग्राम सेंधा नमक मिलाकर पीने से बवासीर में लाभ होता है और नष्ट हुए बवासीर के मस्से पुन: उत्प्न्न नही होते।
🌹छठा प्रयोग :
🌹नारियल की जटा से करे खुनी बवासीर का एक दिन में इलाज। नारियल की जटा लीजिए। उसे पूरी तरह जला दीजिए। जलकर भस्म बन जाएगी। इस भस्म छान के शीशी में भर कर रख लीजिए। कप डेढ़ कप छाछ या दही के साथ नारियल की जटा से बनी भस्म तीन ग्राम खाली पेट दिन में तीन बार सिर्फ एक ही दिन लेनी है। ध्यान रहे दही या छाछ ताजी हो खट्टी न हो। कैसी और कितनी ही पुरानी पाइल्स की बीमारी क्यों न हो, एक दिन में ही ठीक हो जाती है।
यह नुस्खा किसी भी प्रकार के रक्तस्राव को रोकने में कारगर है। महिलाओं के मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव या श्वेत प्रदर की बीमारी में भी कारगर है । हैजा, वमन या हिचकी रोग में यह भस्म एक घूँट पानी के साथ लेनी चाहिए।
👉🏻 दवा लेने के एक घंटा पहले और एक घंटा बाद तक कुछ न खाएं तो चलेगा। अगर रोग ज्यादा जीर्ण हो और एक दिन दवा लेने से लाभ न हो तो दो या तीन दिन लेकर देखिए।
🔹 विशेष :- ” अच्युताय हरिओम हिंगादी चूर्ण “ सभी प्रकार की बवासीर मे चमत्कारिक लाभ पहुचाता हैं।
🔹बवासीर में क्या खाये :
1. करेले का रस, लस्सी, पानी।
2. दलिया, दही चावल, मूंग दाल की खिचड़ी, देशी घी।
3. खाना खाने के बाद अमरुद खाना भी फायदेमंद है।
4. फलों में केला, कच्चा नारियल, आंवला, अंजीर, अनार, पपीता खाये।
5. सब्जियों में पालक, गाजर, चुकंदर, टमाटर, तुरई, जिमीकंद, मूली खाये।
🔹बवासीर में परहेज क्या करे:🔹
1. तेज मिर्च मसालेदार चटपटे खाने से परहेज करे।
2. मांस मछली, उडद की दाल, बासी खाना, खटाई ना खाएं।
3. डिब्बा बंद भोजन, आलू, बैंगन।
4. शराब, तम्बाकू।
5. जादा चाय और कॉफ़ी के सेवन से भी बचे।
🌹बवासीर से बचने के उपाय:
1. खाने पिने की बुरी आदतों से परहेज करे जैसे धूम्रपान और शराब।
2. खाने में मसालेदार और तेज मिर्च वाली चीजें न खाये।
3. पेट से जुडी बीमारियों से बचे।
4. कब्ज़ की समस्या बवासीर का प्रमुख कारण है इसलिए शरीर में कब्ज़ न होने दे।
5. गर्मियों के मौसम में दोपहर को पानी की टंकी का पानी गरम हो जाता है, ऐसे पानी से गुदा को धोने से बचे।
🌀 बवासीरवालों के लिए खास प्रयोग🔹
🔸अर्श (बवासीर) की समस्यावालों के लिए उत्तम औषधि होने से सूरन को ‘अर्शोघ्न’ भी कहा जाता है। भोजन में सूरन की सब्जी तथा ताजे दही से बनाये तक्र (ताजा मट्ठा) में आधा से १ ग्राम जीरा-चूर्ण व सेंधा नमक मिलाकर लें दिन में दोपहर तक थोड़ा-थोड़ा मट्ठा पीना लाभकारी होता है । इस प्रयोग से सभी प्रकार की बवासीर में लाभ होता है। यह प्रयोग ३० से ४५ दिन तक करें।
🔸इस प्रयोग के पहले व बीच-बीच में सामान्य रेचन द्वारा कोष्ठशुद्धि (पेट की सफाई) कर लेनी चाहिए। रेचन हेतु त्रिफला चूर्ण अथवा त्रिफला टेबलेट का उपयोग कर सकते हैं।
🔸सावधानी : तीक्ष्ण व उष्ण होने से गर्भवती महिलाओं तथा जीवनी रक्तपित्त व त्वचा विकार वालों को सूरन का सेवन नहीं करना चाहिए।
🔸इसके अधिक सेवन से कब्ज होने की सम्भावना होती है । सूरन के उपयोग से यदि गले में जलन या खुजली जैसा हो तो नींबू अथवा इमली का सेवन करें।
