रसड़ा सीएचसी में डॉक्टरों की मनमानी पर सीएमओ सख्त, बाहरी दवाओं के प्रिस्क्रिप्शन पर जताई नाराजगी।

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रसड़ा सीएचसी में डॉक्टरों की मनमानी पर सीएमओ सख्त, बाहरी दवाओं के प्रिस्क्रिप्शन पर जताई नाराजगी।

संवाददाता उमाकांत विश्वकर्मा

बलिया:- रसड़ा सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाली गरीब जनता को पहले ही आर्थिक तंगी, महंगाई और बेरोजगारी से जूझना पड़ता है। ऐसे में जब वे उम्मीद लेकर अस्पताल पहुंचते हैं तो राहत मिलने की जगह उन्हें दवा दुकानों का पर्चा थमा दिया जाता है। रसड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में डॉक्टरों की इसी मनमानी को लेकर कई बार मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) ने सख्त रुख अपनाया है।

सीएमओ ने कहा कि जब अस्पतालों में मुफ्त दवाएं उपलब्ध हैं तो मरीजों को बाहर से दवाएं लिखना किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई भी डॉक्टर निजी मेडिकल स्टोर से दवाएं लिखता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सीएमओ ने स्पष्ट कहा कि सरकारी अस्पतालों का उद्देश्य गरीबों और जरूरतमंदों को निशुल्क व गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराना है। यदि डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से नहीं निभाते और बाहरी दवाएं लिखते हैं तो यह न सिर्फ मरीजों की उम्मीदों के साथ धोखा है बल्कि विभाग की छवि को भी धूमिल करता है।

उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दवा और इलाज उपलब्ध कराना प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसके विपरीत कार्य करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। सीएमओ ने सभी डॉक्टरों को निर्देश दिया है कि मरीजों को अस्पताल की उपलब्ध दवाएं ही लिखी जाएं और इलाज की पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।