राघवेंद्र मिश्रा
बाराबंकी
समाज में फैली दहेजप्रथा की कुरीतियों को दूर करने के लिए रसूलपुर कलां में दहेज प्रथा के खिलाफ मिशन दहेज पर प्रहार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रसूलपुर कलां निवासिनी रिशा तुफैल ने दहेज प्रथा के विरोध में मुहिम चला रही है। दहेज प्रथा के खिलाफ मिशन कार्यक्रम में लोगो को शपथ दिलाई गई कि वो दहेज न लें। कार्यक्रम की मुख्य अथिति सय्यद उजमा परवीन रही। सय्यद उजमा परवीन ने कहा कि दहेज हमारे समाज के लिए नासूर बन गया है। हमारा नारा है भयमुक्त बेटी, दहेजमुक्त बेटी। बेटी के जन्म के बाद पिता को बेटी के विवाह की चिंता सताने लगती है। जिस प्रकार दहेज सती प्रथा का अन्त हुआ उसी प्रकार दहेज प्रथा को भी समाप्त करना चाहिए। सभी बेटियो और युवाओं को लोगो को प्रेरित करना चाहिए कि वे दहेज न ले। वर्तमान सरकार भारत को जब दहेजमुक्त करेगी तभी बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ जैसी योजनाएं सफल होंगी।वर्तमान में महिलाओं का सबसे ज्यादा उत्पीड़न दहेज के कारण होता है। दहेज की मांग सबसे ज्यादा महिलाएं ही करती है इसलिए महिलाओं को दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। डॉ अनवर ने बताया कि वर्तमान सरकार को दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों को समाप्त करने के लिए कदम उठाना चाहिए। कार्यक्रम आयोजक रिशा तुफैल ने बताया कि दहेज लोभी हर जगह मिलते है इसलिए हमने सोचा कि दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों को दूर करना चाहिए। हमारी सरकार को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से पहले दहेज मुक्त योजना बनानी चाहिए। इससे पहले भी रिशा तुफैल ने ओडार और रसूलपुर में जनचौपाल लगाई है। कार्यक्रम में महमूद अहमद, डॉ अनवर, सय्यद अब्दुल मुजीब, साहाब खालिद अन्य लोग मौजूद रहे।
