पूर्व शिक्षक मार्कंडेय दुबे का पार्थिव शरीर मरणोपरांत महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज को किया गया समर्पित

Breaking

पुनीत कुमार त्रिपाठी
गाजीपुर
गाजीपुर में पूर्व शिक्षक मार्कंडेय दुबे का पार्थिव शरीर मरणोपरांत महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज गाजीपुर को समर्पित कर दिया गया रविवार को लगभग 1:00 बजे । इसके पूर्व 2 साल पहले उनकी धर्मपत्नी लीलावती देवी का पार्थिव शरीर मृत्यु उपरांत काशी हिंदू विश्वविद्यालय को दान में दे दिया गया था |गाजीपुर मेडिकल कॉलेज के लिए यह पहला देहदान था, लगभग एक दशक पूर्व गाजीपुर जनपद के मनिहारी विकासखंड अंतर्गत यूसुफपर गांव निवासी चर्चित समाजसेवी ब्रज भूषण दुबे के पिता मारकंडे दुबे एवं मां लीलावती देवी ने एक साथ काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पक्ष में देहदान का संकल्प पत्र भरा था दो वर्ष पहले लीलावती देवी दिवंगत हुई फिर उनके परिजनों ने महामना मंदिर में इस संकल्प को पूरा किया था रविवार को 4:00 बजे उन्होंने अंतिम सांस लिया उसके पहले 85 वर्षीय मारकंडेय दुबे ने साइकिल चलाकर गांव के कई इष्ट मित्रों से मुलाकात किया, तुलसी पूजन करने के बाद प्रसाद वितरित किया और भोर में महाप्रयाण कर गए उनके नेत्रदान की इच्छा अधूरी रह गई . ब्रज भूषण दुबे ने बताया कि उन्होंने मेडिकल कॉलेज सहित मानव सेवा संघ एवं वाराणसी के नेत्र चिकित्सक डॉक्टर सुनील शाह से बात किया था लेकिन नेत्रदान का संकल्प अधूरा रह गया मेडिकल कॉलेज के पास नेत्रदान कराने के संसाधन नहीं थे तो हाथ खड़ा कर दिया | चिकित्सा विज्ञान के उप प्रधानाचार्य डॉक्टर नीरज पांडे ने कहा कि हम ऋणी हैं मार्कंडेय दुबे जी एवं उनके परिजनों के जिन्होंने यह उपकार हमारे मेडिकल कॉलेज पर किया है | हमारे बच्चे प्रायोगिक पढ़ाई करके योग्य चिकित्सक बन सकेंगे ,उन्होंने विश्वास जताया कि इस कार्य को और भी आगे बढ़ाया जाएगा.उक्त अवसर पर छात्र नेता विवेकानंद पांडे ने कहा कि हम प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक जी से अनुरोध कर पार्थिव शरीरों को मेडिकल कॉलेज तक लाने के लिए एक एंबुलेंस, नेत्रदान की व्यवस्था एवं अनुदान के लिए पर्याप्त प्रयास करेंगे.