गाजीपुर/सैदपुर
संवाददाता: पुनित कुमार त्रिपाठी
सौरभ हॉस्पिटल बना चर्चा का विषय डिलीवरी के नाम पर लिया 52000
गाजीपुर: सैदपुर तहसील अंतर्गत भटौला मे स्थित सौरभ हॉस्पिटल इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है आपको बता दें कि सौरभ हॉस्पिटल मैं गांव की आशाओं के द्वारा डिलीवरी केस बुलाया जाता है और उनसे पैसे लेने का काम किया जाता है आपको बताते चलें कि ऐसा मामला सादात सीएससी अंतर्गत हुरमुजपुर गांव का है जहां पर गांव निवासी बिंदु सिंह जोकि हुरमुजपुर गांव की आशा बहू है उन्होंने अपने ही गांव के एक गरीब तबके के वनवासी परिवार की बहू को डिलीवरी कराने के बहाने सौरभ हॉस्पिटल सैदपुर ले आती हैं और डिलीवरी होने के बाद डॉक्टर के द्वारा यह बोला जाता है कि इसके शरीर में खून नहीं है इसे तत्काल बनारस रेफर किया जाएगा और उस गरीब को तत्काल बनारस रेफर किया जाता है और उसे तीन बाटल खून चढ़ाया जाता है जिसकी कीमत वहां के हॉस्पिटल द्वारा ₹45000 बताया जाता है और वह गरीब ₹45000 देने के बाद पेमेंट स्लिप मांगता है तो उसे वहां से भगा दिया जाता है जब वह अपने उस हॉस्पिटल पर सैदपुर स्थित सौरभ हॉस्पिटल पर पहुंचता है तो वहां के डॉक्टर उसे कहते हैं कि कोई बात नहीं है इसके बाद उसे अलग से डॉक्टर के द्वारा प्रेशर बनाया जाता है कि आप 16000 लाइए तो आप के मरीज को छोड़ दिया जाएगा इस मामले की तहकीकात करने जब पत्रकार वहां पहुंचे तो डॉक्टर ने यह बहाना किया कि मरीज की बच्चेदानी फट गई है अगर मरीज की बचकानी फट जाती है तो उसका ऑपरेशन किया जाएगा बचेदानी की दवा की जाएगी ना कि तीन बोतल ब्लड का ₹45000 ले लिया जाएगा जब डॉक्टर से बात किया गया तो डॉक्टर ने मुंह छिपाने लगे और कैमरे के सामने आने से मना कर दिया क्या योगी सरकार में गरीब सुरक्षित नहीं है क्या गरीबों का ऐसे ही शोषण किया जाएगा जिला अधिकारी महोदय स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को भी यह सोचना चाहिए कि एक गरीब तबके का परिवार कहां जाएगा जब ऐसे भ्रष्ट हास्पिटल जनपद में पड़े रहेंगे तो गरीबों का इलाज कैसे होगा