नीदरलैंड से आई राजदूत ‘मैरी लुईसा जैराडर्स’ ने हथकरघा बुनकरों से की मुलाकात, विदेशी तकनीकी से बाराबंकी के हथकरघा उद्योग से जुड़े बुनकरों का चमकेगा कारोबार

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बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में दम तोड़ रहा हथकरघा कारोबार को नई उम्मीद जगी है। नीदरलैंड से आई राजदूत ‘मैरी लुईसा जैराडर्स’ ने हथकरघा उद्योग से जुड़े लोगों को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया है। नीदरलैंड की टेक्नोलॉजी की तर्ज पर बाराबंकी में हथकरघा से जुड़े बुनकरों के जरिए बनाए जा रहे वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिए विदेशी राजदूत ने मुलाकात की है। विदेशी तकनीकी से हथकरघा उद्योग करने वाले लोगो में पंख लगने की उम्मीद जगी है।
दरअसल श्रीपंचमदास ऑर्गेनिक खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्थान के माध्यम से नीदरलैंड की राजदूत मैरी लुईसा जैराडर्स सोमवार बाराबंकी पहुंची थी। यहां के मसौली क्षेत्र के बड़ागांव में हथकरघा सूती वस्त्र उद्योग से कई लोगों से राजदूत मैरी लुईसा जैराडर्स ने मुलाकात की। गांव में बुनकर मतीन अंसारी ने बताया कि विदेशी राजदूत ने हम लोगों की कारीगिरी देख कर काफी उत्साहित नजर आईं, उन्होंने हम लोगों के काम को आगे बढ़ाने का आश्वासन भी दिया और करीब एक घंटे गांव में रुकी। वहीं बुनकर मतलूब अंसारी ने बताया कि विदेशी राजदूत ने महिलाओं से मिल का उनसे बुनाई, रंगाई, और सूत की उपलब्धता की जानकारी ली, साथ ही घर में तैयार कपड़ों को देखा और गांव वालों के साथ सेल्फी भी ली। बता दें कि डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना के तहत हथकरघा उद्योग वन बाराबंकी जिले में उद्योग है।

दिन भर के काम में 200 रुपए मजदूरी
बुनकर मतीन अंसारी ने बताया कि हथकरघा हमारा पुस्तैनी काम है। मुनाफा ना होने से मेरे बच्चों को इस काम में कोई रुचि नहीं दिखाई और काम छोड़ कर बाहर प्राइवेट नौकरी करने जाते हैं। हमारे परिवार के छः लोग दिन भर में 10 मीटर के कपड़े बनाते हैं। जिसकी कमाई 200 रुपए होती है। मतीन ने बताया कि विदेशी राजदूत ने यहां के कपड़ों को और बेहतर बनाने के लिए सहयोग करने को कहा है। महिला बुनकर जुबेदा अंसारी ने बताया कि विदेशी मैडम ने तारीफ करते हुए भरोसा दिया है कि आप लोगों का कार्य बहुत पसंद आया है, हम आप लोगों की पूरी की मदद करेंगे।

विदेशी तकनीकी से हथकरघा कामगारों का बढ़ेगा मुनाफा
विदेशी राजदूत के साथ नीदरलैंड से आए समन्वयक शरद कुमार, संस्थान की अध्यक्ष रिचा सक्सेना आर रुद्राश कश्यप गांव में मौजूद रहे। रिचा सक्सेना ने बताया कि विदेशी राजदूत के भ्रमण से ग्रामीण काफी उत्साहित हैं। इनके सूती आर्गेनिक कपड़ो के एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए नीदरलैंड की तकनीक के सहयोग से कामगारों को बेहतर मुनाफे के साथ वेतन में बढ़ोत्तरी होगी। रिचा सक्सेना ने आगे बताया कि विदेशी टेक्नोलॉजी साथ बुनकरों के कपड़ों में नए रंग और डिजाइन में काफी बदलाव होगा और जल्द ही इस दिशा में कार्य कराया जायेगा।