आखिर क्यों मिला तहसीलदार से व्यापार मण्डल शादियाबाद

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गाज़ीपुर 

Netional खबर 9: पुनित कुमार त्रिपाठी उप सम्पादक 

 

 

आखिर क्यों मिला तहसीलदार से व्यापार मण्डल शादियाबाद

 

 

 

 

नायब तहसीलदार ने व्यापारियों को दिया सख्त कार्रवाई का आश्वाशन

 

 

 

शादियाबाद। स्थानीय व्यापार मंडल के अध्यक्ष के नेतृत्व में पदाधिकारी ने तहसीलदार लाल जी विश्वकर्मा को ज्ञापन सौंपा। अध्यक्ष इकरामूल हक ने कहा कि शादियाबाद की सप्ताहिकी बंदी शनिवार को लगातार सालों से होती आ रही है जिसमें 10 % दुकान पिछले 3 हफ्तों से खुली रहती है। जहां श्रम विभाग की निर्देशों का उल्लंघन है। वहीँ व्यापारियों में भी कौतुहल का विषय बना हुआ है। इसके पूर्व में भी व्यापार मंडल के लोगों ने श्रम विभाग के अधिकारी से सूचना दिए थे लेकिन श्रम विभाग के अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं किया। ज्ञापन देने वालों में उपाध्यक्ष इरफान अजहरी, मोहम्मद आकिब,सरदार कशौधन, गोपाल कश्यप,फुरकान सेठ,बेलाल खान,राहुल गुप्ता,गोपाल कश्यप सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

 

मामला कुछ इस प्रकार है

 

 

शादियाबाद मार्केट में साप्ताहिक का अवकाश नहीं मिलता और व्यापारियों को भी दिक्कतें होती हैं। व्यापारियों ने एसडीएम रवीश गुप्ता से साप्ताहिक बंदी का पालन कराने की मांग की है। जिलाधिकारी ने जिले के सभी कस्बों के लिए साप्ताहिक बंदी के दिन निर्धारित किया था। शनिवार को शादियाबाद में साप्ताहिक बाजार बंदी सालों से चली आ रही है। इधर कुछ हफ्ते से साप्ताहिक बंदी का पालन कुछ दुकानदार नहीं कर रहे है। जिसकी शिकायत एसडीएम जखनिया रवीश गुप्ता से की गई है।वही श्रमिकों को अवकाश न मिलने से उन्हें परेशानी होती हैं। 8 से 10 दुकानदार बंदी के दिन भी दुकान खोल रहे है। शनिवार बंदी से व्यापारियों के साथ साथ श्रमिकों को भी मिलता है एक दिन का अवकाश।बंदी से बाहर से माल मंगाने में मदद मिल जाती है।व्यापारियों का कहना है कि साप्ताहिक बंदी का पूरे तरह से पालन हो। सप्ताहिक बंदी होना बहुत जरूरी है। इस अवकाश के दिन व्यापारी अपने घरेलू और व्यापार संबंधी विभिन्न कार्यों को पूर्ण करने में मदद मिल जाती है। प्रतिस्पर्धा के कारण प्रतिष्ठान को खोलना होता है। – व्यापार मंडल अध्यक्ष इकरामुल हक उर्फ सोनू अहमद,इरफान अजहरी,अकीब सिद्दीकी,सरदार कशौधन,गोपाल कश्यप,राहुल गुप्ता,फुरकान सेठ,गोपाल कशौधन,बेलाल खान,इत्यादि भारी संख्या में व्यापारी मौजूद रहे।