गौशालाओं में गोवंश का हाल बदहाल, जिम्मेदार कौन

स्थानीय समाचार

जौनपुर से पुष्पेंद्र सिंह की रिपोर्ट।

गौशाला में गौवंशो को पर्याप्त चारा न मिलने के कारण गौवंश रह जाते हैं भूखे,जिम्मेदार लापरवाह।

केराकत जौनपुर।एक तरफ जहां योगी सरकार गौशालाओं के प्रबंधन पर काफी जोर दे रही है वही जौनपुर जिले के केराकत तहसील के केराकत ब्लॉक के कुछ गौशालाओं में चारों के अभाव में गाये केवल हाड़ मास की तरह दिख रही है वहीं केराकत ब्लाक के कुसैला गांव के गौशाला में लगभग 35 गाये हैं जहां पर गौशाला की देखरेख करने वाले रामाश्रय यादव का कहना है कि गायों को पर्याप्त चारा नहीं मिल पाता है सरकार द्वारा दिया जाने वाला बजट बहुत ही कम है और कम से कम 1 गाय एक दिन में 7 से 8 किलो चारा खा जाती है वही इन गायों को चारा की कमी होने के कारण हम केवल लगभग 3 किलो ही खिला पाते हैं यह चारा इन गायों के लिए पर्याप्त नहीं है यह चारा केवल इनके जीने के एक आधार के समान है और इनका कहना है कि जब चार आता है तो पर्याप्त चारा दिया जाता है चारा खत्म हो जाता है या कम हो जाता है तो हिसाब से ही चारा दिया जाता है जिससे कि वह जीवित रह सके वही केराकत ब्लाक के सरौनी पूरब पट्टी की गौशाला में लगभग 233 गाये हैं वहां पर देखरेख करने वाले अंजनी कुमार सिंह इन गायों की स्थिति को देखते हुए कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं यही हाल सरौनी पश्च्चिम पट्टी के अस्थाई गौशाला का भी है जहां गायों को भरपेट चारा नहीं मिल पाता जिससे केवल वह आधा पेट चारा खाने को मजबूर हैं जहां हमारे देश में गायों को मां का दर्जा दिया जाता है और उन्हें पुजा जाता है वहीं यदि हमारी मां समान गाय को ही चारे के अभाव में भरपेट चारा न मिले तो यह बहुत ही कष्टदाई है जबकि जिले के तेजतर्रार जिलाअधिकारी मनीष कुमार वर्मा का सख्त इन गौशालाओं के प्रबंधन से संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सख्त लहजे में निर्देश दिया है कि गौशाला में चारा की कमी ना होने पाए और उन्होंने यह भी सख्त निर्देश दिए हैं कि यदि गौशाला में किसी भी प्रकार की कमी पाई जाती है तो जिम्मेदार अधिकारीओ एवं कर्मचारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।यह है गौशालाओं का हाल और जिम्मेदार कौन।