संवाददाता : सलीम जावेद
वाराणसी : उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी लखनऊ के सहयोग, महासमर शिक्षा समिति के सौजन्य से मुंशी प्रेमचंद सभागार बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी वाराणसी में आयोजित मुशायरा एवं कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह में जहां कवियों व शायरों ने उर्दू की महत्ता पर प्रकाश डाला तो वहीं दस होनहार छात्रों, पंद्रह पत्रकारों व अन्य कवियों व शायरों समेत लगभग इक्यावन लोगों को उर्दू भाषा के उत्थान के लिए सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि प्रो.आफताब अहमद आफाकी (विभागाध्यक्ष उर्दू विभाग बीएचयू) ने उर्दू शायरी के कुछ उदाहरण पेश करते हुए कहा उर्दू शायरी उर्दू साहित्य की एक ऐसी विधा है जिसमें सिर्फ वो पंक्तियों में पूरी बात कही जा सकती है। उर्दू शायरी में शिल्प के साथ साथ तकनीक का भी ध्यान रखा जाता है। उर्दू शायरी में फारसी अरबों संस्कृत और तुर्की के मूल शब्दों का मिश्रण होता है। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर माया पाण्डेय, डीन फेकल्टी आफ आर्ट्स ने अपने उद्बोधन में कहा उर्दू एक मीठी जवान है। इसके बोलने वाले के बोल कानों में रस घोल देते हैं। कहा उर्दू लिने वा कवि को शायर या सोखनवर कहते हैं। उन्होंने वसीम बरेलवी का एक शेर पढ़ कर सुनाया “आसमां इतनी बुलन्दी पे जो इतराता है – मूल जाता है ज़मी से ही नज़र आता है। हबीब उस्मानी ए.ए.जी. हाईकोर्ट प्रयागराज ने कहा कि उ०प्र० उर्दू एकादमी उर्दू और फारसी फरोग के लिए बेहतरीन काम अन्जाम दे रही है। प्रोफेसर हसन अब्बास पूर्व अध्यक्ष फारसी विभाग बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी व हाजी वसीम अहमद अल-हमीद एजुकेशनल सोसायटी ने भी उर्दू की महत्ता पर प्रकाश डाला। नायाब बलयावी ने अपनी विश्वविख्यात नज्म में कहा-
“न टूट सकेगा हिन्दुस्तान, न टूट सकेगा हिन्दुस्तान
लहू का एक एक कतरा इस पर कर देगे कुर्बान
है कशमीर तो दूर की बात, हम इसकी तस्वीर न देंगे,
अब की जंग हुई तो ले लेगे पाकिस्तान
न टूट सकेगा हिन्दुस्तान, न टूट सकेगा हिन्दुस्तान”
कार्यक्रम की अध्यक्षता अतीक अंजार ने तो संचालन समर गाज़ीपुरी ने किया। शायर व कवियों में अहमद आज़मी, नायाब बलियावी, शहंशाह सोनवी, दानिश इकबाल, साकिब बनारसी, शमीम गाजीपुरी, अनूप वशिष्ठ, शीबू सारस्वत, शादाब बनारसी व महमूद फूलपुरी ने शेरो शायरी के माध्यम से उर्दू भाषा की मिठास बिखेरी। कार्यक्रम आयोजक इफ्तेखार आलम खान, यूपी उर्दू अकादमी के सचिव शौकत अली ने गणमान्य लोगों का बुके भेंट कर व शाल ओढ़ाकर स्वागत किया। स्वागत समिति के डॉ.मुशर्रफ अली, डॉ. मो.सुफियान, हाजी शाजिद खान और डॉ.ऐहसान हसन, ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
