दिल्ली । पीएम विश्वकर्मा योजना में लाभार्थी को सस्ती ब्याज पर लोन मिलता है। लोन 3 लाख रुपये तक का होता है। बता दें कि विश्वकर्माओं को बायोमेट्रिक-आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करते हुए सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से निःशुल्क रजिस्ट्रेशन किया जाता है। दिल्ली की केंद्र सरकार की ओर से कई ऐसी योजनाएं शुरू की गई हैं जिसका फायदा अलग-अलग वर्ग को मिल रहा है। पीएम विश्वकर्मा भी ऐसी ही एक योजना है। इस योजना में लाभार्थी को सस्ती ब्याज पर लोन मिलता है। लोन 3 लाख रुपये तक का होता है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में
यह केंद्र सरकार की योजना है। विश्वकर्माओं को बायोमेट्रिक-आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करते हुए सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से निःशुल्क रजिस्ट्रेशन किया जाता है। कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और एक आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाती है।
पीएम विश्वकर्मा की डिटेल
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 5% की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किस्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किस्त) तक का गिरवी-मुक्त लोन मिलता है। इस भारत सरकार 8% की सीमा तक ब्याज अनुदान देती है। यह योजना, शिल्पकारों को इंफ्रा और अपग्रेडेट ट्रेनिंग, 15000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन और डिजिटल ट्रांजैक्शन और विपणन सहायता के लिए प्रोत्साहन सहित स्किल अपग्रेडेशन के तरीके प्रदान करती है।
कौन कौन कर सकता है आवेदन ?
विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र के लिए लक्षित है। यह स्कूल छोड़ने वालों से लेकर एम.टेक डिग्री धारियों तक के लिए खुला है। बता दें कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, अपने हाथों और औजारों से अथक परिश्रम करने वाले भारत के विश्वकर्माओं के उत्थान, उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का एक प्रयास है।
कौन लोग हो सकते है पात्र ?
योजना में बढ़ई, नाव निर्माता, हथियार निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता के अलावा ताला बनाने वाला, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार (मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला, मोची/जूता कारीगर, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल निर्माण में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है।
