आजअक्षय तृतीया पर बांकेबिहारी जी के चर्ण दर्शन के लिए उमड़ा भक्तों का जन सैलाब,हीरे-जवाहरात जड़े कटारे-टिपारे पहन दे रहे दर्शन

धर्म/ आध्‍यात्‍म/ संस्‍कृति

वृंदावन / मथुरा।मोर – मुकुट, कटि-काछनी सुनहरे श्रृंगार धारण कर हीरे,जवाहरात जड़े कटारे-टिपारे पहनकर जब ठाकुर बांकेबिहारी ने बुधवार की सुबह भक्तों को चरण दर्शन दिए तो भक्त निहाल हो उठे।अक्षय तृतीया पर बुधवार को सुबह जब बांकेबिहारी के चरणों की झलक भक्तों को मिली तो इस अक्षय पुण्य को पाकर हर भक्त आल्हादित हो उठा। सुबह ठाकुर बांकेबिहारी ने सुनहरे श्रृंगार और केसरिया पोशाक में भक्तों को चरण दर्शन दिए तो जयकारे से मंदिर गूंज उठा। बांकेबिहारी का दिव्य दर्शन की एक झलक पाने लिए लालायित भक्तों के इंतजार के पल जैसे ही खत्म हुए तो मंदिर बांकेबिहारी में भक्तों की भीड़ फूट पड़ी। मंदिर में अंदर पहुंचे भक्त बांकेबिहारी के चरणों की झलक पाकर सुधबुध खो बैठे और पीछे से आ रहे भक्तों का रेला का एहसास जब दर्शन में मग्न श्रद्धालु को हुआ तो आगे बढ़ने का मन बनाया।
अक्षय तृतीया पर मंदिर के समय में हुआ बदलाव
अक्षय तृतीया पर बांकेबिहारी के चरण दर्शन को भक्तों का सैलाब उमड़ा तो बांकेबिहारी ने भी तय समय से लगभग एक घंटा 45 मिनट पहले ही दर्शन दिए।सुबह छह बजे मंदिर के पट जल्द खुले तो भक्तों को भी सहूलियत मिली।मंदिर खुलने के समय तक हजारों भक्त दर्शन करके मंदिर से निकल चुके थे। भक्त मंदिर के बाहर बांकेबिहारी की दिव्य झांकी का दर्शन करने के लिए उतावले हो रहे थे।प्रशासनिक व्यवस्था भी मजबूत नजर आई।विद्यापीठ और जुगलघाट से कतारबद्ध होकर भक्त रेलिंग के अंदर से ही मंदिर तक पहुंच रहे थे।
कारपेट से गुजर रहे श्रद्धालु
गर्मी के दिनों में गर्म धरती पर नंगे पैर चलने में भक्तों की दिक्कत को देखते हुए प्रशासन ने मंदिर आने वाले रास्तों पर कारपेट बिछाकर जगह जगह पंखा, कूलर लगाए हैं। ताकि भक्तों को मंदिर तक पहुंचने में किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।