गाजीपुर
संवाददाता: पुनित कुमार त्रिपाठी मण्डल ब्यूरो वाराणसी
कुछ पत्रकारों को कालिख पोतने का काम कर रहे हैं तथाकथित पत्रकार
गाजीपुर। पहले की पत्रकारिता और अब की पत्रकारिता में बहुत अंतर देखने को मिल रहा है।
पहले के पत्रकारों को अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक बहुत सम्मान करते थे और खबर को लेकर भय भी खाते थे। लेकिन अब के कुछ तथाकथित पत्रकार अधिकारियों से लेकर कर्माचारियों का और खास तौर से थानेदारों का जिहजूरी में लगे हुए हैं।
गलत चीज को भी सही बनाने में तथाकथित पत्रकार माहिर हैं।
तथाकथित पत्रकार अपने व्हाट्सएप पर स्टेट्स तो ऐसे लगाते हैं जैसे लगता है कोई युवा स्टेट्स लगाया है।
तथाकथित पत्रकार को यह भी नहीं पता है कि धड़ल्ले से ओवरलोड वाहन किसके सह पर चल रहा है।
क्या ओवरलोडेड वाहनों को परमिशन है या नहीं ?
वैसे उन महाशय का नाम लेना उचित नहीं है क्योंकि गाजीपुर में उनके कारनामे को लेकर हर एक पत्रकार वाकिब हैं।