छोटे अस्पतालों की जांच पर भड़की औषधि विक्रेता जन कल्याण सेवा समिति सरकार पर भेदभाव का लगाया आरोप, कहा– बड़े नर्सिंग होम को क्यों छोड़ा गया ?

HEALTH

संवाददाता : मोनू भारती
मऊ । मुहम्मदाबाद गोहना करहा औषधि विक्रेता जन कल्याण सेवा समिति करहा की बैठक व्यापारी की आवाज पर आयोजित हुई। बैठक में सरकार द्वारा गठित टीम द्वारा केवल छोटे-छोटे अस्पतालों की जांच किए जाने पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष विष्णु कांत श्रीवास्तव ने कहा कि प्रशासन छोटे अस्पतालों को टारगेट करके उत्पीड़न कर रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब बड़े-बड़े नर्सिंग होम और निजी अस्पतालों में भारी अनियमितताएं होती हैं, तो वहां जांच क्यों नहीं होती? “अगर सरकार को सचमुच सुधार करना है तो पहले बड़े अस्पतालों और नर्सिंग होम की जांच करे, जहां से मोटी रकम वसूली जाती है। छोटे अस्पतालों को दबाना बंद होना चाहिए,” श्रीवास्तव ने कहा। बैठक में उपस्थित दर्जनों मेडिकल स्वामियों ने भी सरकार के इस कदम की आलोचना की और एकजुट होकर विरोध दर्ज कराया। बैठक में विष्णु कांत, एकलाख अहमद, श्यामलाल, सोहन, बृजेश सिंह, नूर-ए-आलम, तूफानी चौहान, राजेश, जयराम गुप्ता सहित कई सदस्य मौजूद रहे।
समिति की नई कार्यकारिणी घोषित
बैठक के दौरान सर्वसम्मति से नई कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें निम्नलिखित पदाधिकारी चुने गए :
अध्यक्ष : विष्णु कांत श्रीवास्तव
महामंत्री : बृजेश सिंह
उपाध्यक्ष : एकलाख अहमद
संगठन मंत्री : नूर-ए-आलम
कोषाध्यक्ष : सोहन
आंदोलन और मुलाकात की घोषणा
बैठक के अंत में जिला अध्यक्ष विष्णु कांत श्रीवास्तव ने कहा कि अगर छोटे अस्पतालों के उत्पीड़न को रोका नहीं गया तो समिति बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि संगठन जल्द ही जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा और अपनी समस्या से उन्हें अवगत कराएगा।