राघवेंद्र मिश्रा
बाराबंकी
सिरौलीगौसपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को ताबड़तोड़ छापेमारी की। इस दौरान दो अस्पतालों को सील किया गया और दो नर्सिंग होम में पंजीकरण के समय अधिकृत डॉक्टर मौके पर नहीं मिले इन्हें नोटिस दी गई। बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे दो डायग्नोस्टिक सेंटर को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। कार्रवाई की खबर फैलते ही सिरौलीगौसपुर और बदोसराय में झोलाछाप दुकानें बंद कर भाग खड़े हुए।
बेसमेंट में चोरी से चल रहा था बंगाली अस्पताल:
एसीएमओ डॉ राजीव दीक्षित ने बताया कि शुक्रवार को सिरौलीगौसपुर क्षेत्र में चल रहे झोलाछाप के यहां छापेमारी की गई। सबसे पहले टीम मरकामऊ स्थित राम खेलावन की क्लीनिक पर पहुंची। क्लीनिक बंद थी।जिसे सील किया गया है। इसी क्लीनिक पर गुरुवार को एक मासूम की मौत का मामला प्रकाश में आया था। इसके बाद बदोसराय कस्बे में शीला सिकदर नाम से बंगाली डॉक्टर का चोरी से अस्पताल चल रहा था। यह अस्पताल एक भवन के बेसमेंट में खुला था। टीम पहुंची तो यहां पर भारी मात्रा में दवाईयां, चार बेड, ग्लूकोस की स्ट्रिप और स्टैंड रखे मिले थे। इससे प्रतीत हो रहा था कि यहां पर 4 बेड का अस्पताल चल रहा है। इसका पंजीकरण विभाग में नहीं है। इस अस्पताल को सील कर दिया गया है।
अधिकृत चिकित्सकों के बिना चल रहे दो अस्पताल भी सील:
एसीएमओ डॉ राजीव दीक्षित ने बताया कि सिरौलीगौसपुर कस्बे में केयर पॉलीक्लिनिक और नेशनल हॉस्पिटल संचालित मिले। इन दोनों अस्पतालों का विभाग में पंजीकरण पाया गया। लेकिन जांच में पता चला कि दोनों अस्पतालों में जिन योग्य चिकित्सकों के नाम से पंजीकरण कराया गया है वह मौजूद नहीं थे। भर्ती मरीजों से भी पूछताछ में पता चला कि वह अस्पताल नहीं आते हैं। इस लापरवाही को देखते हुए अधिकारियों ने दोनों अस्पतालों को नोटिस जारी कर 2 दिन में स्पष्टीकरण तलब किया है। संतोषजनक स्पष्टीकरण ना मिलने पर विधिक कार्रवाई कराने की बात कही गई।
बिना पंजीकरण चलते मिले दो डायग्नोस्टिक सेंटर:
सिरौलीगौसपुर व बदोसराय कस्बे में झोलाछाप डॉक्टरों और फर्जी डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित होते मिले। श्री दीक्षित ने बताया कि सिरौलीगौसपुर कस्बे में तैफी डायग्नोस्टिक सेंटर और हिंद पैथ लैब बिना विभाग में रजिस्ट्रेशन कराए ही जांच कर रहे थे। पंजीकरण से जुड़े कोई भी साक्ष्य यहां के कर्मचारी नहीं दिखा सके। यहां तक लिए जाने वाले सैंपल की जांच रिपोर्ट तैयार करने वाले चिकित्सकों के बारे में भी कोई सटीक जानकारी नहीं मिल सकी। इन दोनों जांच सेंटर के संचालकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। इसके अलावा छापेमारी की जानकारी होते ही क्षेत्र के झोलाछाप अपनी दुकानें बंद कर भाग खड़े हुए।