स्नातकोत्तर महाविद्यालय मलिकपूरा में नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत शपथ ग्रहण कार्यक्रम सफल

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उग्रसेन सिंह ब्यूरो चीफ गाज़ीपुर 

स्नातकोत्तर महाविद्यालय मलिकपूरा, गाजीपुर में दिनांक 29 अगस्त 2025 को “नशा मुक्त भारत अभियान” के अंतर्गत ‘शपथ ग्रहण कार्यक्रम’ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) दिवाकर सिंह के संरक्षकत्व एवं निर्देशन तथा इतिहास विभाग प्रभारी शमशुल कमर के संयोजकत्व में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. शिव प्रताप यादव (अधिष्ठाता-छात्र कल्याण) ने की। उन्होंने उपस्थित सभी शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं को नशामुक्त जीवन जीने तथा समाज को इसके लिए प्रेरित करने की शपथ दिलाई। अपने उद्बोधन में उन्होंने यह कहा कि यदि शिक्षक और विद्यार्थी मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ाएँ तो निश्चय ही स्वस्थ और सशक्त भारत का निर्माण संभव है। नशामुक्त समाज ही स्वस्थ और सशक्त राष्ट्र की नींव रख सकता है। आइए हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि स्वयं भी नशा नहीं करेंगे और दूसरों को भी इसके दुष्परिणामों से जागरूक करेंगे। इस अवसर पर मुख्य वक्ता समाजशास्त्र के सहायक आचार्य डॉ. सुघर सिंह राजपूत ने नशा करने के शैक्षणिक, सामाजिक एवं पारिवारिक दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए यह कहा कि नशा केवल व्यक्ति को नहीं बल्कि परिवार और समाज को भी खोखला कर देता है। इसके कारण विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित होती है और पारिवारिक संबंधों में दरार आती है। उन्होंने कहा कि युवा वर्ग को नशे से दूर रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। भूगोल के सहायक आचार्य डॉ. अजय कुमार चौहान ने भी अपने वक्तव्य में यह कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की भांति मानव संसाधन भी अनमोल है, नशा इस संसाधन को नष्ट करता है, इसलिए हमें इसे बचाना होगा।
कार्यक्रम में मंच संचालन मनोविज्ञान की सहायक आचार्या डॉ. पूजा साहू ने प्रभावशाली ढंग से किया तथा संचालन के क्रम में मनोवैज्ञानिक दृष्टि से उन्होंने यह कहा कि नशा केवल शरीर को ही नहीं बल्कि मन और व्यक्तित्व को भी दुर्बल करता है, अतः इसका त्याग ही सशक्त और संतुलित जीवन का आधार है। इसी सोच के साथ हमें नशा मुक्त भारत बनाने का संकल्प लेना है।
अन्त में कार्यक्रम के संयोजक शमशुल कमर ने सभी शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, छात्र-छात्रों एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया तथा उन्होंने अपने वक्तव्य में यह कहा कि नशा शिक्षा, संस्कृति और सामाजिक विकास के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा है। यदि विद्यार्थी और युवा वर्ग नशा त्याग दें तो समाज स्वतः ही प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेगा। अतः आने वाली पीढ़ियों को नशामुक्त जीवन की ओर प्रेरित करना हमारा शैक्षणिक और सामाजिक दायित्व है। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार के सभी शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।