आजमगढ़ का सांग वेद महाविद्यालय जहाँ न तो बच्चे है न कोई ब्यवस्था बिना स्कूल गये अध्यापक ले रहे लाखों रूपये सेलरी

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संवाददाता : जीतेन्द्र मौर्या
आजमगढ़
एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में कायाकल्प योजना के तहत शिक्षा को सुधारने के लिए दिन रात काम कर रही है स्कूलों के हालात को बदलने के लिए जो भी आवश्यक कदम है उठाने से पीछे नहीं हट रही है जिसका परिणाम भी काफी हद तक दीखता नजर आ रहा है स्कूलों में बच्चों के खाने से लेकर पानी शौचालय आदि की समुचित ब्यवस्था की जा रही है ताकि गरीब से गरीब बच्चे को शिक्षा मिल सके इसके लिए स्कूल के शिक्षकों को भारी भरकम सेलरी हर महीने उन्हें सरकार द्वारा दी जा रही है तो वही दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी स्कूल व शिक्षक है जो सरकार व जनता की आँख में धूल झोंक कर बिना कुछ किये ही लाखों रूपये सेलरी हर महीने उठा रहे है जी हाँ हम आज आपको एक ऐसे स्कूल से रूबरू कराएँगे जहाँ स्कूल की बिल्डिंग खंडहर में तब्दील हो गयी है स्कूल में न तो बच्चे है न ही बच्चो के पढ़ने की कोई ब्यवस्था फिर भी हर महीने स्कूल में न्युक्त शिक्षक लाखों रूपये सेलरी ले रहे है स्कूल के हालात देखकर आपको आज के पचास साल पहले के स्कूलो की याद आसानी से आ जाएगी यह स्कूल कही और नहीं बल्कि आजमगढ़ शहर में ही अनन्त पूरा कटरा हनुमान गढ़ी में सांग वेद महाविद्यालय के नाम से स्थित है आपको बता दे हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार सांग वेद महाविद्यालय की स्थापना 1954 में की गयी थी सांग वेद एक संस्कृत महाविद्यालय है जो संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से संबध है आज यह महाविद्यालय पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चूका है स्कूल में न तो बच्चो के बैठने के लिए कोई ब्रेंच है न ब्लैक बोर्ड है न कोई पानी अथवा शौचालय की ब्यवस्था है अधायपक के तौर पर यहाँ कार्यवाहक प्राचार्य के रूप में अनुपम पाण्डेय ,शिक्षक के रूप में आनन्द मणि चतुर्वेदी ,प्रियंका तथा कलर्क के रूप में दीपक पाण्डेय है कागजों में 100 बच्चों के पढ़ने की बात बताई जाती है स्कूल के हालात देखकर आप समझ ही गए होंगे की क्या कुछ चल रहा है स्कूल में कितना पढ़ाई होती है फिर भी हर महीने लाखों रूपये सेलरी इन अध्यापकों के खाते में बिना जांच पड़ताल के आ जाती है ऐसा नहीं है की इसकी शिकायत नहीं की गयी है 6 अगस्त २०२२ को इस पूरे मामला की शिकायत महंत शंकर सुअन उपाध्याय एडवोकेट के द्वारा जिलाधिकारी आजमगढ़ के द्वारा की गयी है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी योगी सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रवैया के बाद भी निचले स्तर के अधिकारीयों में कोई डर नजर नहीं आ रही है और धडल्ले से यह सब चल रहा है यह पूरा मामला शहर के बीच का है ऐसे में अब यह सवाल उठता है की या तो इस मामले में अधिकारीयों की मिलीभगत शामिल है या तो कही न कही उच्च अधिकारीयों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है सच्चाई क्या है यह तो जाँच के बाद ही पता चलेगा अब देखना यह है की इस मामले में कोई जाँच होती है या इसे भी ठन्डे बस्ते में डाल दिया जाता है.