संत निरंकारी सत्संग भवन कुशीनगर में विशाल जोनल स्तरीय निरंकारी महिला समागम का किया गया आयोजन

धर्म/ आध्‍यात्‍म/ संस्‍कृति

संवाददाता : सगीर अली
कुशीनगर : निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की प्रेरणा से देशभर में महिला संत समागम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कुशीनगर स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन कसया में शनिवार को महिला संत समागम का आयोजन किया गया। इस समागम में जयपुर राजस्थान से बहन बेला खुराना ने सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज का शुभ संदेश प्रदान किया। जिस घर में परिवार के सभी सदस्य मर्यादा में रहते हुए अपनी-अपनी जिम्मेवारियों को निभाते हैं वहां हर समय प्यार ही प्यार होता है व स्वर्ग का नक्शा बना रहता है तथा ऐसे घर-परिवार में शारीरिक, मानसिक व आर्थिक अर्थात हर तरह के सुख बरसते हैं। उन्होंने कहा कि निरंकारी सत्संग से सीख लेकर हजारों नारियों ने अपने घर परिवार की तस्वीर बदल दी है, वे सिर्फ प्रवचन सुनने तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि निरंकारी सतगुरु द्वारा प्रदान “ब्रह्मज्ञान” को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर, अपने आचरण द्वारा प्रेम तथा शांति का माहौल देकर अपने ही घर को स्वर्ग बना दिया है। मिशन के विचारधारा के बारे में बहन बेला खुराना ने कहा कि कोई भी इंसान प्रभु का ज्ञान प्राप्त करके प्रभु की इच्छा के अनुरूप जीवन ज्ञापन कर सकता है। संसार की सारी जिम्मेदारियां को निभाते हुए भी वह कमल की भांति अनासक्त भाव से सहज अवस्था में जीवन जी सकता है। निरंकारी मिशन में महिलाओं के महान योगदान का जिक्र करते हुए बहन बेला खुराना ने कहा कि मिशन के पूज्य जगत माता बुद्धवंती जी, निरंकारी राजमाता कुलवंत कौर जी, माता सविंदर हरदेव जी व वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज का असाधारण योगदान महिला जगत का ही नहीं बल्कि पूरी मानव जाति का निरंतर मार्गदर्शन कर रहा है। बहन बेला खुराना ने कहा कि हर नारी स्वयं भी खुश रहना चाहती हैं और घर-परिवार को भी खुशमय बनाना चाहती हैं तो ” निरंकारी सत्संग” से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। निरंकारी सतगुरू से ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर प्रभु परमात्मा को जानकर जीवन का असली मकसद हासिल करके लाखों इंसानों का जीवन सफल हुआ है और उनके घर परिवारों में रौनकें आ गई हैं। इसी कड़ी में कुशीनगर के जोनल इंचार्ज महात्मा कमलेश मणि त्रिपाठी ने कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, महराजगंज, बलिया से आये सभी संतों का धन्यवाद आभार करते हुए सतगुरु माता जी से आशीर्वाद कि कामना की। साथ ही सत्संग के बहनों ने कविता, भजन, और विचारों द्वारा नारी के विभिन्न रूप को दर्शाया गया। बहन बेला खुराना जी ने कहा कि आज निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज चाहती हैं कि हम आपस में और सभी के साथ प्रेम से जीवन जिये, क्योंकि मानव मात्र से प्यार करना ही परमात्मा से प्यार करना है, पर मनुष्य की यह प्रवृति है कि वह परमात्मा से प्यार करता है परन्तु परमात्मा की संतान यानी मनुष्य से प्यार नहीं करता।