मुहम्मदाबाद गोहना: ग्राम पंचायत में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़, खंड विकास अधिकारी पर भी उठे सवाल, ग्रामीणों में उबाल

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संवादाता वसीम खान:मुहम्मदाबाद गोहना ब्लॉक के एक गांव में उस समय जनाक्रोश फूट पड़ा जब एक ग्रामीण अपने परिवारजन का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने पंचायत कार्यालय पहुंचा और वहां मौजूद कर्मचारी सचिव ने दस्तावेज़ बनाने के नाम पर 1400 रुपये की अवैध मांग कर डाली। जब ग्रामीण ने इस रिश्वतखोरी का विरोध किया और अन्य ग्रामीणों को साथ लेकर शिकायत लेकर खंड विकास अधिकारी कलाधर पांडे के पास पहुंचा, तो उम्मीद थी कि उन्हें न्याय मिलेगा, लेकिन नतीजा इसके ठीक उलट निकला।

आरोप है कि खंड विकास अधिकारी ने न केवल मामले की अनदेखी की, बल्कि शिकायत करने वाले व्यक्ति को ही अपमानित कर डाला। यह रवैया न सिर्फ हैरान करने वाला है, बल्कि प्रशासन की जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी गहरे सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब पंचायत कार्यालय में इस तरह की वसूली हुई हो। हर प्रमाण पत्र और सरकारी सुविधा के लिए एक “गैर-सरकारी” रेट तय है, जो सीधे कर्मचारी की जेब में जाता है।

ग्रामीणों का कहना है कि सचिन समेत कुछ अन्य कर्मचारी खुलेआम रिश्वत मांगते हैं और हर कोई जानता है कि बिना पैसे दिए कोई काम नहीं होता। खास बात यह है कि जब कोई व्यक्ति इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाता है, तो उसे ही झूठा, बदतमीज़ या झगड़ालू करार दे दिया जाता है, जिससे बाकी ग्रामीण डर के मारे चुप रह जाते हैं।

खंड विकास अधिकारी कलाधर पांडे के इस विवादित रवैये के बाद ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वे ब्लॉक कार्यालय का घेराव कर धरना-प्रदर्शन करेंगे। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि अब वे चुप नहीं बैठेंगे, क्योंकि यह सिर्फ एक व्यक्ति की लड़ाई नहीं बल्कि पूरे गांव की अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई है।

इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार किस हद तक गहराया हुआ है और कैसे कुछ अधिकारी और कर्मचारी मिलकर सिस्टम को आम जनता के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं। अब देखना यह है कि क्या उच्च अधिकारी इस मामले में संज्ञान लेंगे, या फिर यह मामला भी बाकी फाइलों की तरह धूल फांकता रह जाएगा।

ग्रामीणों की मांग साफ है — भ्रष्टाचार नहीं, इंसाफ चाहिए।