बाराबंकी: लोगों के करीब 75 करोड़ रुपये लेकर द लोनी अर्बन मल्टीस्टेट क्रेडिट एंड थिफ्ट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (एलयूसीसी) नाम की फर्जी कम्पनी फरार है। इस मामले में जिले के बदोसराय, देवा, मसौली, नगर कोतवाली, रामनगर व फतेहपुर आदि थानों में धोखाधड़ी के करीब डेढ़ दर्जन मुकदमें दर्ज हैं। इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा है। पुलिस पूछताछ के लिए अब इन्हें रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही गिरफ्तार व वांच्छित आरोपियों की संपत्ति को कुर्क करने के लिए उसे चिंहित करने कार्रवाई भी की जा रही है। बदोसराय थाना में दर्ज हुआ था मुकदमा: बदोसराय थाना के ग्राम बरोलिया निवासी किरन वर्मा पुत्री स्व. सालिकराम वर्मा ने 22 नवंबर को थाने में तहरीर देकर बताया कि द लोनी अर्बन मल्टीस्टेट क्रेडिट एंड थिफ्ट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (एलयूसीसी) नाम की फर्जी कम्पनी के एजेण्ट रामनरेश वर्मा पुत्र स्व. जगदीश प्रसाद निवासी ग्राम बरोलिया ने कंपनी का फर्जी बांड देकर उससे सवा लाख रुपये ले लिया। इसके बाद कंपनी फरार हो गई। इस मामले में पुलिस ने केस दर्जं कर जांच शुरू की। जांच में बड़ा घोटाला पकड़े जाने पर पुलिस ने इस फर्जी कंपनी के उप डिस्ट्रिक्ट हेड संजीव कुमार वर्मा, मैनेजर स्वामी दयाल मिश्र, रामशरण वर्मा, मनोज कुमार मौर्या व एजेंट रामनरेश वर्मा को जेल भेजा था। इस मामले में आरोपियों ने करीब 75 करोड रुपये घोटाले की बात कबूल की थी। इस मामले में पुलिस फर्जी कंपनी का मालिक समीर अग्रवाल, उच्चाधिकारी उत्तम सिंह राजपूत व इनकी पत्नी माया सिंह को पिछले 29 दिनों से तलाश रही है। इसके साथ ही बदोसराय, नगर कोतवाली, देवा, मसौली, रामनगर, नगर कोतवाली व फतेहपुर थाना में कंपनी के एजेंटों व अधिकारियों के खिलाफ अभी तक करीब डेढ़ दर्जन केस दर्ज हो चुके हैं।
कुर्क की जाएगी आरोपियों की संपत्ति:
फर्जी कंपनी एलयूसीसी द्वारा की गई करोड़ो की ठगी के मामले में कंपनी के कई महत्वपूर्ण अधिकारी फरार हैं। पुलिस अब इन वांच्छितों की संपत्ति को चिंंहित कर के उसे कुर्क करने की तैयारी कर रही है। पुलिस इन आरोपियों की संपत्ति चिंहित करने के लिए सभी तहसीलों, नगर पालिका और गैर जिलों को भी पत्र भेज चुकी है।
आरोपियों को रिमांड पर लेने की तैयारी:
फर्जी कंपनी एलयूसीसी के मालिक समीर अग्रवाल, प्रदेश के मुख्य अधिकारी उत्तम राजपूत, माया सिंह का पता चल रहा है। इसके लिए पुलिस द्वारा किये गए सभी प्रयास फेल रहे हैं। ऐसे में अब पुलिस इस कंपनी में जुडे़ जेल में बंद अधिकारियों को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। इस मामले की अगुवाई कर रहे सीओ रामनगर सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि कंपनी के जेल में बंद अधिकारियों को रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही फरार व जेल में बंद अधिकारियों की संपत्ति कुर्की की प्रक्रिया शुरू की गई है।
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