समाजवादी शिक्षण संस्थान सराय रसूलपुर बंद करने के आदेश पर विवाद, आंदोलन की तैयारी

POLITICS

समाजवादी शिक्षण संस्थान सराय रसूलपुर बंद करने के आदेश पर विवाद, आंदोलन की तैयारी

चंदौली।
जनपद चंदौली के चहनियां ब्लॉक के सराय रसूलपुर गांव स्थित समाजवादी शिक्षण संस्थान में पिछले पाँच वर्षों से कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जा रही थी। इस संस्थान में सुबह की पाली में करीब 170–180 बच्चे तथा शाम के दो बैचों में लगभग 160 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे थे।

लेकिन हाल ही में प्रशासनिक अधिकारियों ने जगह का अभाव और मान्यता न होने का हवाला देते हुए सुबह की पाली को बंद करने का आदेश जारी कर दिया। इस निर्णय से विद्यालय प्रबंधन और अभिभावकों में गहरी नाराज़गी है।

संस्थान के संचालक सम्राट अक्षय पाल ने प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए कहा –
“पिछले पाँच वर्षों में किसी भी अधिकारी ने कभी स्थान या मान्यता की जांच नहीं की, अचानक अब हमारे ऊपर दबाव बनाया जा रहा है। यह किसके इशारे पर हो रहा है? हम लोग डरने-दबने वाले नहीं हैं। हम संविधान, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और ज्योतिबा फुले के बताए रास्ते पर चलने वाले लोग हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि जो भी कमी विद्यालय में है, उसे समाज और साथियों के सहयोग से पूरा किया जाएगा। अभिभावकों को विश्वास दिलाते हुए उन्होंने कहा कि बहुत जल्द शिक्षा विभाग द्वारा तय मानकों के अनुसार आधुनिक सुविधाओं से युक्त विद्यालय तैयार किया जाएगा।

📌 संघर्ष की घोषणा
संस्थान बंद किए जाने के विरोध में सम्राट अक्षय पाल ने घोषणा की है कि वे अपने साथियों के साथ ग्रामसभा सराय रसूलपुर से लखनऊ तक साइकिल यात्रा निकालेंगे और वहाँ पहुँचकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे।

उन्होंने सभी क्रांतिकारी साथियों और समाजसेवियों से अपील की है कि इस संघर्ष में एकजुट होकर सहयोग करें।

👉 यह मामला अब चंदौली जिले में शिक्षा और समाजसेवा से जुड़े लोगों के बीच चर्चा का प्रमुख विषय बन गया है।