नीरज शुक्ला (रामनगर बाराबंकी संवाददाता)
रामनगर पीजी कॉलेज के हिंदी विभाग के प्रभारी डॉ अखिलेश कुमार वर्मा का लगातार विद्यालय ना आने से महाविद्यालय परिवार सहित विद्यार्थियों व क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं प्रारंभ हो गई हैं।
सूत्रों की माने तो डॉ वर्मा के खिलाफ पीड़ित राजेन्द्र ने अपने भाई नरेंद्र कुमार पुत्र भगवान दीन के मामले में मुकदमा नंबर 2401/2019, मुकदमा अपराध संख्या-218/2013 अंतर्गत धारा 364 आईपीसी थाना-माधोंगंज जिला हरदोई में दर्ज मुकदमे की लिखित शिकायत की है।
शिकायतकर्ता ने पत्र के माध्यम से शिकायत करते हुए बताया है कि पुलिस द्वारा संपूर्ण विवेचना के उपरांत उक्त केस में अखिलेश कुमार वर्मा के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर रखी है।
इसी बीच अखिलेश के विरुद्ध माननीय कोर्ट से बेलेबल वारंट एवं नॉन बेलेबल वारंट जारी हुआ है लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। उक्त केस में न्यायालय द्वारा उन्हें भगोड़ा भी घोषित किया गया है।
इसी दौरान अखिलेश कुमार वर्मा का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र जिला न्यायालय दिनाँक 01.10.2024 को एवं उच्च न्यायालय लखनऊ से आदेश दिनांक 19.12. 2024 को खारिज हो चुका है। उक्त आपराधिक मामले को छुपा कर डॉ अखिलेश कुमार वर्मा ने प्रवक्ता के पद पर 2010 से नियुक्ति प्राप्त कर लिया है। आपराधिक मामले को छुपाते हुए तथा छल से पदोन्नति भी प्राप्त कर ली है।
ज्ञात हो कि डॉ अखिलेश कुमार वर्मा माह अगस्त वर्ष 2025 में दो सप्ताह से अधिक हो गया है लगातार अवकाश लेकर मोबाइल स्विच ऑफ कर फरार चल रहे हैं और महाविद्यालय नहीं आ रहे हैं।
विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य भी बाधित हो रहा है। संवाददाता द्वारा महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर कौशलेंद्र विक्रम मिश्र से जानकारी प्राप्त किया कि तो उन्होंने बताया कि कि वर्ष 2007 से अपहरण के केस से संबंधित गैरजामनती वारंट एवं तत्थ छुपाकर नौकरी करने के संबंध में एक शिकायती पत्र प्रबंध सचिव/ उप जिलाधिकारी गुंजिता अग्रवाल के द्वारा मुझे प्राप्त हुआ है जिसकी जांच चल रही है।
उप जिलाधिकारी ने कहा कि प्रकरण संज्ञान में आया है कमेटी बनाकर जांच कर करवाई अति शीघ्र की जाएगी।