चंडीगढ़: अलगाववादी अमृतपाल के करीबी सहयोगी पपलप्रीत सिंह को अमृतसर जिले में पकड़ा गया और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘वह (पपलप्रीत) अमृतपाल सिंह का प्रमुख सहयोगी है। उसे अमृतसर के कथूनांगल इलाके से पकड़ा गया है।’’
उन्होंने बताया कि पपलप्रीत को रासुका के तहत हिरासत में लिया गया है और उसके खिलाफ छह अन्य मामले भी दर्ज हैं। इससे पहले अधिकारियों ने बताया था कि पपलप्रीत को पंजाब पुलिस ने एक अभियान में गिरफ्तार किया जिसमें उसकी खुफिया ईकाई भी शामिल थी। उन्होंने कहा था कि पपलप्रीत को होशियारपुर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि पपलप्रीत को अमृतपाल का ‘गुरु’ माना जाता है और वह कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था। गिल ने बताया कि पपलप्रीत के खिलाफ आगे की विधिक कार्यवाही की जाएगी। पंजाब पुलिस द्वारा खालिस्तान समर्थकों और उनके सहयोगियों के खिलाफ 18 मार्च को शुरू की गई कार्रवाई के दिन से ही अमृतपाल और पपलप्रीत फरार थे। दोनों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने होशियारपुर सहित कई इलाकों में छापेमारी की।
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पपलप्रीत की गिरफ्तारी सोशल मीडिया पर सीसीटीवी फुटेज प्रसारित होने के कुछ दिन बाद हुई है। उक्त फुटेज के आधार पर पपलप्रीत के, होशियारपुर के एक गांव स्थित ‘डेरा’ में होने का दावा किया गया था। बताया जा रहा है कि फुटेज 29 मार्च का है। इससे एक दिन पहले खुफिया इकाई ने दोनों भगोड़े आरोपियों के होने की आशंका में फगवाड़ा से होशियारपुर जा रही इनोवा कार का पीछा किया था। सोशल मीडिया पर प्रसारित सीसीटीवी फुटेज को डेरा तनौली गांव का बताया जा रहा था जो मरनाइयां गांव से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर है। वहां पर पुलिस ने संदेह के आधार पर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया था। माना जा रहा है कि जब पुलिस ने अमृतपाल और पपलप्रीत के वाहन का पीछा किया तो वे होशियारपुर में अलग-अलग हो गए। दोनों की कई तस्वीर सोशल मीडिया पर आई जिनमें से एक तस्वीर में दोनों मास्क लगाए दिल्ली की सड़कों पर घूमते दिख रहे हैं। गौरतलब है कि 18 मार्च को कट्टरपंथी उपदेशक जालंधर में वाहन और हुलिया बदलकर पुलिस के शिकंजे से बचकर फरार होने में सफल रहा था। अमृतपाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ समुदायों में द्वेष पैदा करने, हत्या की कोशिश, पुलिस कर्मियों पर हमला और सरकारी अधिकारियों को कर्तव्य निर्वहन करने से रोकने सहित विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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