महिला सक्तिकरण पर राष्ट्रीय सेमीनार एवं अवार्ड कार्यक्रम का आयोजन*

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संवाददाता, ईश्वर सिंह मोo,8171876242

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ऑफिसर्स ट्रांजिस्ट हॉस्टल रोड पर फाइनेंशियल लिटरेसी जेंडर इक्वलिटी एवं महिला सशक्तिकरण इन्नोवेशन टेक्नोलॉजी टू अचीव सस्टेनेबल गोल विषय पर गोपाल किरन समाज सेवी संस्था द्वारा आईएफएस केसी मीणा, आरके मेहरा के संरक्षकत्व तथा श्रीप्रकाश सिंह निमराजे के नेतृत्व में राष्ट्रीय सेमिनार एवं अवार्ड कार्यक्रम संपन्न हुआ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ परिवहन अधिकारी राजेश कदम ने किया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में 171 लोगों को साउथ एशिया आइडियल अवार्ड तथा युग्म अलंकरण से सम्मानित किया गया।

वहीं कार्यक्रम की शुरुआत में उपस्थित अतिथियों सुनीता श्रीवास्तव, रेणू श्रीवास्तव, अर्चना रानी, सुनीता भटनागर, राजेश सिंह, शशि कौशिक, विदिशा पनवार, मंजू लता अस्थाना, संतोष गर्ग, मंजू गौतम तथा राजपाल सिंह आदि को बुकें देकर स्वागत किया गया। वहीं सुमन रानी तथा सुनीता श्रीवास्तव द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया साथ ही श्रीप्रकाश सिंह निमराजे का सम्मान रूस से विशेष रूप से मंगाई गई साल ओढ़कर तथा डॉक्टर अंबेडकर की तस्वीर भेंट कर किया गया।

कार्यक्रम में यह अनोखा देखने को मिला कि अधिकांश महिलाएं पिंक कलर की ड्रेस कोड पहने हुए थी। अनोखा शहर देहरादून के प्राकृतिक सौंदर्यता और बेहद खूबसूरती को देखते हुए इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए चयन किया गया। इस दौरान गोपाल किरण समाज सेवी संस्था अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह ने कहा कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित संविधान की प्रस्तावना मे लिखी गई चार बातें स्वतंत्रता, समानता, सामाजिक न्याय एवं बंधुत्व सबसे महत्वपूर्ण है जो समाज को उत्तम बनाने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा इन बातों का अनुसरण सभी को करना चाहिए। उन्होंने कुरीतियों के नाम पर महिलाओं के साथ सदियों से हो रहे अत्याचार, उत्पीड़न तथा शोषण आदि पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं को विशेष अधिकार दिलाने के लिए बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने हिंदू कोड बिल पास ना होने के कारण अपने मंत्री पद को त्याग दिया था। इस दौरान बताया गया कि संविधान की वजह से ही सर्व समाज की महिलाओं को समानता का अधिकार प्राप्त हुआ है। इस दौरान सेबी म्यूच्यूअल फंड इंडिया के सीनियर कंसलटेंट पूर्व डीजीएम सूर्यकांत ने संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्था अच्छा कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मंथन के बाद धरातल पर भी कार्य करने की जरूरत है। वहीं लखनऊ से पधारे कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता आईपीएस डॉक्टर बीपी अशोक ने बताया कि समाज में जो लोग प्रगति के पथ पर अग्रसर हो जाते हैं उन्हें समाज को भी जागृत करना चाहिए तथा समाज में योगदान देना चाहिए। नई दिल्ली से आए महिला एवं बाल विकास विभाग के अवर सचिव लखमी चंद गौतम ने विभागीय कार्यक्रम की जानकारी रखते हुए कहा कि जो प्रयास हुए हैं उससे और ज्यादा करने की आवश्यकता है। वहीं राज्य शैक्षणिक अनुसंधान परिषद देहरादून के प्रवक्ता मनोज शुक्ला, प्रवक्ता उमेश चंद चमोला तथा प्रवक्ता राजेश खत्री ने कहा सामाजिक चेतना को जागृत करते हुए समाज के हर बच्चे को शिक्षित बनाने की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि शिक्षा सफलता की वह कुंजी है जो व्यक्ति को तर्कपूर्ण और आशावादी जीवन जीने के लिए अग्रसर करती है।इस अवसर पर बदायूं की लेखिका मेघा अग्रवाल की पुस्तक दिल की कलम से का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया साथ ही कई महिला पुरुष वक्ताओं ने विचार व्यक्त कर अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी। एम्स ऋषिकेश की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मधु प्रिया, कैपेसिटी बिल्डिंग के हेड संजय अग्रवाल, पंचकूला के डिप्टी डायरेक्टर प्रदीप कुमार तथा गृह मंत्रालय भारत सरकार से पधारे ओपी अहिरवार आदि ने भी अपने-अपने विचार रखे।र्यक्रम का आयोज