उधर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने फैसले को गैरकानूनी बताया और कहा कि जनभावना के खिलाफ है. राज्यसभा चुनाव में व्हिप जारी नहीं होता है. उस व्हिप को उसी दौरान चैलेंज किया गया है. चुनाव आयोग ने सब क्लीयर किया गया. आयोग ने साफ कहा है कि केवल वोट दिखाकर राज्यसभा चुनाव में डालना है. दो दिन तक छह कांग्रेस विधायक विधानसभा की कार्रवाई में मौजूद हैं. स्पीकर केवल कांग्रेस पार्टी का सहयोग कर रहे हैं.
जगत सिंह नेगी ने क्या कहा
सरकार में मंत्री जगत सिंह नेगी ने बिंदल के बयान पर कहा कि उनका बयान गलत है. व्हिप जारी किया गया था. निष्कासित विधायकों ने हाजिरी जरूर लगाई है लेकिन वोटिंग के दौरान मौजूद नहीं थे. स्पीकर ने सही फैसला किया है. बिंदल गुमराह कर रहे हैं. हकीकत ये हैं कि बजट सत्र में व्हिप का उल्लंघन बागियों ने किया है. हाउस के अंदर नहीं बैठे और कार्रवाई में हिस्सा नहीं लिया.
कौन कौन हैं बागी
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के छह विधायक बागी हुए हैं. इनमें धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर के राजिंदर राणा, हमीरपुर के बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, ऊना के गगरेट से चैतन्य शर्मा, ऊना के कुटलेहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो और लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर शामिल हैं. इन सभी छह कांग्रेस विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में वोट डाला था. साथ ही ये बजट पास करने के दौरान भी सत्र में नहीं पहुंचे थे, जबकि व्हिप जारी किया गया था.
अब कहां है बागी, चंडीगढ़ में कर रहे मीटिंग
बागी छह कांग्रेसी विधायकों के अलावा, तीन निर्दलीय विधायक चंडीगढ़ में ललित होटल में मौजूद हैं. यहां पर होटल में मीटिंग चल रही है. इस दौरान बागी विधायकों का कहना है कि कई चीजों पर बातचीत जारी है और स्पीकर का फैसला यह गैर-संवैधानिक है कि हमें डिसक्वालीफाई किया गया है.सूत्रों के मुताबिक, सभी डिसक्वालीफाई विधायक कोर्ट जाने की तैयारी में हैं. कहा कि दल बदलू कानून हमारे पर लागू नहीं होता है. हमें जो शो कॉज नोटिस भेजा गया था, उसका हमने जवाब दे दिया था. थोड़ी देर में अंदर बैठे विधायक मीडिया से कर बातचीत कर सकते हैं.
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