सीतापुर: बिसवां कस्बे के झज्जर मुहल्ले में शनिवार रात पेट्रोमैक्स (पांच लीटर वाला गैस सिलिंडर) जलाकर एक कमरे में सो रहे मदरसा र्क्लक और उनकी पत्नी व मासूम दो बच्चों की दम घुटकर मौत हो गई। मृतक आसिफ लखनऊ के चिनहट रसूलपुर सादात के रहने वाले थे। घटना की जानकारी तब हुई जब सुबह दूध वाला आया और कई आवाजें लगाई लेकिन, दरवाजा नहीं खुला। काफी देर तक घर का दरवाजा नहीं खुला तो मुहल्ले वालों ने पुलिस को खबर की।
छत के रास्ते घर में दाखिल हुए पुलिसकर्मी
पुलिस आने पर घर में घुसकर दरवाजा खोला गया तो पड़ोसी इरफान ने पुलिस को खबर की। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मी इरफान के घर की छत से आसिफ के घर की छत पर पहुंचे थे। छत पर लोहे का जाल काटकर पुलिस कर्मी अंदर घुसे थे। फिर कमरे का दरवाजा तोड़ा और दृश्य देख उनके भी पैरों तले जमीन खिसक गई। पेट्रोमैक्स बुझ चुकी थी लेकिन, गैस की तीव्र दुर्गंध थी। कमरे में बेड पर पति-पत्नी किनारे और बीच में दोनों मासूम बच्चे रसाई ओढ़कर बेदम पड़े थे।
जयाद अभी दो साल का था, जबकि बेटी मायरा तीन वर्ष की थी। उन्होंने बताया कि आसिफ के परिवार वालों को खबर दी गई है। आर्थिक सहायता के बारे में उन्होंने कहा, उच्चाधिकारियों से सलाह लेंगे।
गोड़ियनटोला में थी मृतक आसिफ की ससुराल
मदरसा के शिक्षक अब्दुल्ला गजाली ने बताया कि आसिफ मदरसा में पिछले करीब 12 साल से क्लर्क पद पर नौकरी कर रहे थे। आसिफ तीन भाई और दो बहनें व उनकी बुजुर्ग मां हैं, जो लखनऊ के रसूलपुर सादात गांव में ही रहते हैं। आसिफ की ससुराल सीतापुर नगर के मन्नी चौराहे के पास गोड़ियन टोला में है। आसिफ की पत्नी शगुफ्ता अपने पिता कमर अली की दूसरी संतान थीं। शगुफ्ता की बड़ी बहन की भी पहले मौत हो चुकी है, उनसे भी एक छोटी बहन व दो भाईं हैं। शगुफ्ता के पिता नहीं हैं, हां मां जरूर जीवित हैं।