भारतीय नौसेना में शामिल हुआ INS Vikrant,समुद्र के महाबली की जाने क्या हैं खासियत 

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कोच्चि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय कर्नाटक दौरे पर हैं। आज उनका राज्य में दूसरा दिन हैं। कोच्चि में प्रधानमंत्री स्वदेशी विमानवाहक का उद्घाटन किया। अब इस पोत को भारतीय बेड़े में शामिल किया जायेगा। इसके अलावा नए नौसैनिक ध्वज का भी अनावरण किया जायेगा। इस दौरे पर प्रधानमंत्री कई अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन भी करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस कार्यक्रम में मौजूद हैं।

क्या है आईएनएस विक्रांत?

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम के रूप में पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं। इस पोत को घरेलू स्तर पर ही डिज़ाइन किया गया हैं। इस पोत का डिज़ाइन भारतीय नौसेना की संस्था वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने बनाया हैं। इसका निर्माण पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन सार्वजानिक क्षेत्र की कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया हैं। विक्रांत स्वचालित सुविधाओं से लैस भारत के सामुद्रिक इतिहास में अब तक का सबसे विशाल निर्मित पोत हैं।

ये हैं इसकी प्रमुख विशेषताएं –
इसकी लम्बाई 262 मीटर, चौड़ाई 60 मीटर, वजन 45000 टन व इसका कुल क्षेत्रफल 2.5 एकड़ हैं।

भारत के सामुद्रिक इतिहास का यह सबसे बड़ा पोत हैं।

इसे 76 % भारतीय उपकरणों के साथ तैयार किया गया है।

इसे 88 मेगावाट बिजली की 4 टर्बाइनों द्वारा संचालित किया जायेगा।

इसकी स्ट्राइक फाॅर्स की रेंज 15000 किलोमीटर हैं।

INS Vikrant पर MIG-29 लड़ाकू विमान, Kmaov Ka-31 और MH-60R मल्टीरोल हेलिकॉप्टर्स स्कवॉड्रन तैनात होंगे।

इस पोत में 196 नौसैनिक अधिकारी और 1149 सेलर्स और एयरक्रू रह सकते हैं।

INS Vikrant पर 4 Otobreda 76 mm की ड्यूल पर्पज कैनन, 4 AK 630 पॉइंट डिफेंस सिस्टम गन, इसके साथ ही

36-40 लड़ाकू विमान तैनात हो सकते हैं।

इस पर फ्लाइट डेक 1.10 लाख वर्ग फुट की है। जिस पर फाइटर जेट आसानी से लैंडिंग कर सकते हैं, साथ ही टेक ऑफ करने में भी कोई दिक्कत नही होगी।