संवाद दाता:- अजीत मोदनवाल
गाजीपुर जिला विधिक प्राधिकरण जनपद न्यायालय राष्ट्रीय लोक सेवा अदालत का उद्घाटन दिनांक 13.9.2025 को माननीय प्रशासनिक न्यायमूर्ति श्री राम मनोहर नारायण मिश्रा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के कर कमलों द्वारा फीता काटकर न्यायिक परिसर गाजीपुर में किया गया
जिसका उद्देश्य सभी चूक कर्ता बकायादारों के लिए *एकमुस्त समाधान योजना तथा विभिन्न लंबित विवादों का लाभ उठाने का सुनहरा अवसर एवं इस अवसर का लाभ ऋण से मुक्ति पाने के लिए आयोजित किया गया श्री न्यायमूर्ति द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत एक वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र है जो न्यायालय के बोझ को कम करने और आम जनता को न्याय प्राप्त कराने के लिए स्थापित किया गया है इसमें न्यायाधीश, वकील, और अन्य विशेषज्ञ शामिल होते हैं जो पक्षकारों के बीच समझौता कराने का प्रयास करते हैं यह त्वरित एवं किफायती न्याय प्रदान करने में मदद करती है लोक अदालत के फैसले अंतिम और बाध्यकारी होते हैं
माननीय न्याय मूर्ति श्री राम मनोहर नारायण मिश्रा जी द्वारा विकलांग बच्चों बैग किट देते हुए उनको अपना आशीर्वाद भी दिया तथा एक वृक्ष लगाकर इस गाजीपुर के धरती के लोगों को यह संदेश देने का काम किया कि वृक्ष हमारे जीवन के प्रमुख जीवन दानी होते हैं
राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर सभी विभागों के विभाग अध्यक्ष अपने विभाग से संबंधित प्रदर्शनी लगाए हुए थे जिनकी बारी-बारी से न्यायमूर्ति जी द्वारा जानकारी प्राप्त की गई जिसमें महिला कल्याण विभाग,राष्ट्रीय टीवी रोग खोज अभियान, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य विभाग, राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन विभाग, समाज कल्याण विभाग, अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग, रेबीज रोग जानलेवा टीकाकरण एवं बचाव, तथा राष्ट्रीय कृत बैंकों द्वारा सभी शाखाओं के शाखा प्रबंधक बकायादारों के संपूर्ण समाधान में लगे हुए थे
राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर गाजीपुर के श्री विजय कुमार IV अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गाज़ीपुर एवं श्री शक्ति सिंह नोडल अधिकारी लोक अदालत गाज़ीपुर और श्री धर्मेंद्र कुमार श्री धर्मेंद्र कुमार पांडेय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गाज़ीपुर तथा भारी संख्या में वकील एवं गाजीपुर जनपद की पुलिस इस व्यवस्था को सुचारू से चलाने के लिए भी लगी रही
राष्ट्रीय लोक अदालत गाजीपुर के उपलक्ष में एक बहुत बड़ा जनसमूह मौजूद रहा जो अपनी-अपनी समस्याओं को सुलझाने में लगे रहे