कोलौरा में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर बना सेवा और संवेदना का प्रतीक, आरएएफ हॉस्पिटल की पहल से 65 से अधिक मरीजों को मिला जीवन का सहारा

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संवादाता वसीम खान मोहम्मदाबाद, मऊ:स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से जूझते ग्रामीण क्षेत्रों में जब कोई संगठन आगे आता है तो वह केवल इलाज नहीं, बल्कि उम्मीद का दीप जलाता है। शुक्रवार को कोलौरा गांव में आरएएफ मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल द्वारा आयोजित नि:शुल्क चिकित्सा शिविर ऐसा ही एक प्रयास बनकर सामने आया, जहां 65 से अधिक मरीजों की जांच और उपचार किया गया।

गांव की गलियों से लेकर स्कूल परिसर तक, हर कोना मरीजों से भरा नजर आया। शिविर में विशेष रूप से महिला रोगों और दमा के मरीजों की भीड़ देखने को मिली। इस अवसर पर डॉ नलिनी सिंह (स्त्री रोग विशेषज्ञ), डॉ शगुफ्ता (महिला रोग विशेषज्ञ), डॉ अभिनव पाल और डॉ पंकज सिंह ने मरीजों की गंभीरता से जांच की।

शिविर में ब्लड प्रेशर, शुगर, अस्थमा और स्फेरोमेट्री जैसी जांचें पूरी तरह मुफ्त की गईं। मरीजों को न केवल दवाएं दी गईं, बल्कि यह भरोसा भी मिला कि इलाज सिर्फ बड़े शहरों की दीवारों तक सीमित नहीं है।

आरएएफ हॉस्पिटल के संचालक डॉ पंकज सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य मुनाफा नहीं, मानवता की सेवा है। जब कोई गरीब व्यक्ति बिना पैसे के इलाज पाता है और चेहरे पर मुस्कान लाता है, वही हमारी सबसे बड़ी सफलता होती है।

शिविर के सफल संचालन में एडवोकेट नीरज सिंह की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही। उन्होंने व्यवस्थाओं की निगरानी के साथ-साथ हर मरीज की सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा। उनका मानना है कि गांव का हर व्यक्ति स्वस्थ होगा तभी समाज आगे बढ़ेगा।

ग्रामीणों ने इस शिविर को दिल से सराहा। एक महिला मरीज ने कहा, “अब तक हम सोचते थे कि अच्छा इलाज हमारे नसीब में नहीं, लेकिन आज डॉक्टर खुद हमारे गांव आकर देख रहे हैं — यह किसी सपने से कम नहीं।”कोलूरा गांव में आरएएफ हॉस्पिटल की यह पहल ना सिर्फ एक चिकित्सा शिविर थी, बल्कि यह सेवा, समर्पण और सामाजिक जिम्मेदारी की एक मिसाल बन गई।