मुरादाबाद: गबन व धोखाधड़ी के मामले में कांग्रेस नेता हाजी इकराम कुरैशी को दोषी करार देते हुए अदालत ने सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 8,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले के दूसरे आरोपी को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया।
गलशहीद थाने में दो जून 2000 को हाजी इकराम कुरैशी के खिलाफ रिपोर्ट कराई गई थी। इसमें कहा गया था कि विधानसभा देहात क्षेत्र के विधायक हाजी इकराम कुरैशी पर 6 लाख 88 हजार 54 रुपये का बिजली बिल बकाया था। पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी ने बिजली निगम के तत्कालीन एसएसओ रामअवतार शर्मा के साथ मिलकर रकम जमा करने की फर्जी रसीद बना ली थी।
बिल के पैसे बिजली निगम में जमा नहीं किए। इस मुकदमे की सुनवाई स्पेशल एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट स्मिता गोस्वामी की अदालत में हुई। विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि बुधवार देर शाम अदालत ने इस मुकदमे में अपना फैसला सुनाया। इकराम को बिजली निगम की फर्जी रसीद तैयार कर विभाग को 6.88 लाख रुपये की क्षति पहुंचाने के मामले में दोषी पाया गया है। अदालत ने समाजवादी पार्टी के देहात विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक व वर्तमान में कांग्रेस नेता हाजी इकराम कुरैशी को दोषी करार दिया और सात साल की सजा सुनाई। 8,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अदालत ने इस मामले के दूसरे आरोपी विद्युत निगम के एसएसओ रामअवतार शर्मा को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया।