सप्ताहिक ग्लूकोमा दिवस में डॉक्टर प्रशांत ने ग्लूकोमा के बारे में दिया जानकारी

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संवाददाता शुभम मोदनवाल

सैदपुर। विश्व ग्लूकोमा सप्ताह इस बार 12 मार्च से 18 मार्च तक मनाया जा रहा है जिले में जनमानस मैं आंखों से संबंधित जागरूकता चिकित्सीय परामर्श शिविर सैदपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजन किया गया है डॉ प्रशांत कुमार ने बताया कि 40 वर्ष से अधिक उम्र वाले सभी जांच कराएं डॉ. प्रशान्त ने ग्लूकोमा के संबंध में बताया कि ग्लूकोमा आंख के अंदर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आंखों का तनाव धीरे-धीरे बढ़ता है और ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचाता है। परिणामस्वरूप नजर धीरे-धीरे बंद हो जाती है। सही समय पर इलाज कराने से रोशनी जाने से रोका जा सकता है। 40 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को समय-समय पर अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए। आंखों के अंदर लगातार एक्वस हुमर नामक तरल प्रवाहित होते रहते हैं । और उसी मात्रा में आंखों से बाहर निकलते रहता है। यदि बाहर निकलने का रास्ता किसी वजह से बंद हो जाता है तो आंखों के अंदर तरल की मात्रा बढ़ने से आंखों का तनाव बढ़ जाता है। ये तनाव सीधा ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचाकर धीर-धीरे नजर बंद कर देता है। ग्लूकोमा का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। यदि ग्लूकोमा के कारण दृष्टि चली गई है तो उसे जांच कर उपचार किया जाये तो बची हुई दृष्टि को बचाया जा सकता है। इस बीमारी से बचने एक बार नेत्र विशेषज्ञ से जांच अवश्य कराएं।