नैनीताल: उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित बनभूलपुरा में अवैध मस्जिद को जमींदोज करने के बाद फैली हिंसा पर धामी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. जिस अवैध मस्जिद पर बुलडोजर चला और जिसे लेकर इतना बवाल हुआ, अब उसी मस्जिद वाली जगह पर थाना बनेगा. खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका ऐलान किया था. मगर पुलिस अधिकारी ने कहा था कि थाना बनने में अभी वक्त लगेगा. अब भले ही थाना बनने में थोड़ा वक्त लगेगा, मगर उस इलाके में दंगाई चैन की नींद नहीं सो पाएंगे. क्योंकि थाना बनने से पहले मस्जिद वाली जगह पर पुलिस चौकी बन गया है.
दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 24 घंटे पहले ही इस बाबत घोषणा की थी. सीएम धामी द्वारा इस संबंध में की गई घोषणा के 24 घंटे के भीतर प्रभावित क्षेत्र में यानी मस्जिद वाली जगह पर एक पुलिस चौकी स्थापित की गई है. नैनीताल के कप्तान प्रहलाद नारायण मीणा ने मंगलवार को बताया था कि मुख्यमंत्री सीएम धामी ने आदेश दिया कि अतिक्रमण वाली जगह पर अब थाना बनेगा. जब तक थाना नहीं बनता, अस्थाई चौकी चलाई जाएगी.
पुलिस चौकी में कितने जवान
नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रहलाद नारायण मीणा ने हल्द्वानी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आठ फरवरी को एक अवैध रूप से निर्मित मदरसे को ध्वस्त करने को लेकर हुई हिंसा में घायल हुई दो महिला पुलिसकर्मियों द्वारा पुलिस चौकी का उद्घाटन किया गया. उन्होंने बताया कि चौकी में एक हेड कांस्टेबल, चार कांस्टेबल और कुछ प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) के जवान शामिल हैं, जिससे इलाके में उपद्रवी तत्वों पर नजर रखी जा सके.
सीएम धामी ने किया था थाना बनने का ऐलान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा था कि हलद्वानी के बनभूलपुरा में अतिक्रमण से मुक्त कराई गई जमीन पर एक पुलिस थाना बनेगा, जहां पिछले हफ्ते अधिकारियों द्वारा मदरसे को ढहाए जाने के बाद हिंसा भड़क गई थी. गौरतलब है कि नगर निगम ने 8 फरवरी को अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत बनभूलपुरा इलाके में स्थित अवैध मस्जिद और मजार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था. इसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था और देखते ही देखते हिंसा फैल गई थी. इस हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर छह हो गई है.
8 फरवरी से ही है कर्फ्यू
इस बीच मदरसे को ध्वस्त करने के नगर निगम के नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई से एक दिन पहले मंगलवार को बनभूलपुरा में सुरक्षा कड़ी कर दी गई. मस्जिद को ध्वस्त करने की कार्रवाई के बाद ही इलाके में हिंसा भड़क गई थी. हिंसा से प्रभावित बनभूलपुरा में आठ फरवरी से कर्फ्यू लगा है. हिंसा में पुलिस कर्मियों और नगर निगम कर्मियों पर हमला किया गया था और एक पुलिस थाने में आग लगा दी गई थी.