गुरु नाम जपने से सारे पापों का विनाश होता है- सन्त उमाकांत

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संवाददाता-नीरज शुक्ला (रामनगर बाराबंकी), उज्जैन से पधारे बाबा जय गुरुदेव के उत्तराधिकारी उमाकांत जी महाराज का कार्यक्रम ग्राम पंचायत लोहटी जई गणेशपुर में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में भारी संख्या में श्रद्धालुओ का जमावड़ा रहा। कार्यक्रम में प्रवचन देते हुए महाराज उमाकांत ने भक्तों को बताया कि राम, कृष्ण वाहेगुरु यह लोग मनुष्य रूपी देवता थे। इन्होंने भी गुरु को माना है सतयुग में भी गुरु की पूजा की जाती थी। साथ ही गुरु के आदेशों का पालन भी राम कृष्ण ने किया। इसलिए गुरु से बढ़कर कोई नहीं है।
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परम ब्रह् तस्मै श्री गुरुवे नमः।।
गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागौ पांय बलिहारी गुरु आपकी गोविंद दिहउ बताय।।

गुरुदेव नाम जप से सारे पापों का विनाश निश्चित है। मनुष्य का मोक्ष सुमिरन ध्यान भजन से है। तीन आंख तीन नाक तीन कान का विवरण विस्तार पूर्वक भक्तों से बताया।

मनुष्य तीसरी आंख से परमात्मा को देखने के लिए है तथा तीसरा कान गुरु वाणी सुनने के लिए है और तीसरी नाक से हमें ब्रह्म लोक की खुशबू प्राप्त होती है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बड़े भाग्य मानुष तन पावा यानी हमको बड़े भाग्य से मनुष्य का शरीर मिला है इस जीवात्मा जैसे मंदिर को गन्दा मत करो जीवो पर दया करो तथा नशे से दूर रहो गलत कार्यों को छोड़कर सद्गुरु का ध्यान करो इसी में मुक्ति है।

सत्संग में विकासखंड सूरतगंज व रामनगर सहित हैदरगढ़ के भक्तों द्वारा अलग-अलग विशाल भंडारों का आयोजन भी चल रहा था। जिसमें दूध दल से आए हुए सत्संग प्रेमी प्रसाद ग्रहण कर रहे थे। सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से कई थानों की फोर्स मौके पर तैनात थी