बाराबंकी: सात साल बाद दहेज हत्या के चार आरोपियों को आजीवन कारावास, दो दोषमुक्त

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राघवेंद्र मिश्रा/ बाराबंकी: दहेज हत्या के मामले में सात साल बाद अदालत ने चार हत्याभियुक्तों को आजीवन कारावास व 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि दो आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया है। यह फैसला मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुनाया। मामला असंद्रा थाना क्षेत्र के पूरे मंशाराम दीवान मजरे पठकनपुरवा का है। 6 सितंबर 2016 को सुबेहा थाना क्षेत्र के आलापुर निवासी शिव कुमार मिश्रा ने असंद्रा पुलिस को दी तहरीर में बताया कि दहेज की मांग पूरी न होने पर उसकी बेटी की हत्या कर शव को फंदे से लटका दिया गया।

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इस मामले में तहरीर के मुताबिक पुलिस ने रामशंकर तिवारी, राजवती, हरिशंकर उर्फ पप्पू, शिवशंकर तिवारी उर्फ श्याम, दुर्गेश कुमार व उमादेवी पर दहेज हत्या का केस दर्ज किया। विवेचना में वैज्ञानिक तथ्यों को जुटाने के बाद पुलिस ने अदालत में आरोप-पत्र दाखिल कर दिया। मानीटरिंग सेल की पैरवी, गवाहों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर मंगलवार को अपर जिला सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए रामशंकर, राजवती, हरिशंकर उर्फ पप्पू व शिव शंकर तिवारी उर्फ श्याम को आजीवन कारावास व प्रत्येक को 10-10 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई। वहीं दुर्गेश कुमार व उमादेवी को दोषमुक्त करार दिया। इस फैसले से आम जनमानस में पुलिस व अदालत के प्रति विश्वास बढ़ा है।

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