यूपी का एक ऐसा गांव जहाँ दो वर्षो मे नहीं हुआ कोई विवाद, न पुलिस के पास पहुंची शिकायत

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संवाददाता आशीष सिंह राठौड़सगड़ी तहसील के सेमरी गांव की जिला मुख्यालय से दूरी 70 किमी से अधिक है। वहीं गांव से महराजगंज थाने की दूरी 48 किमी है। यह गांव जनपद का इकलौता गांव है, जो घाघरा नदी के दूसरी तरफ पड़ता है और गोरखपुर जनपद से सटा हुआ है।

जनपद का शायद ही कोई गांव हो, जहां विवाद न हो। गांव का कोई न कोई व्यक्ति थाने का चक्कर न काट रहा हो। जनपद का सेमरी एक ऐसा गांव है, जहां दो साल से किसी भी व्यक्ति के ऊपर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। अगर गांप्राथमिक विद्यालय के स्थान पर दूसरे विद्यालय का निर्माण हो रहा है। गांव में पंचायत भवन का निर्माण पूरा हो चुका है। इस गांव के लोगों को थाना और विकास खंड जाने के लिए 48 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। गांव में अपराध की घटनाएं कम हैं। छोटे-मोटे विवाद को लोग पंचायत में ही सुलझा लेते हैं, जिसके कारण थाने पर जाने की नौबत ही नहीं आती है। इसी का परिणाम है कि दो साल में इस गांव के किसी व्यक्ति के ऊपर एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। हालांकि दो साल पहले से गांव में दो मुकदमें एनडीपीएस एक्ट के, तीन एक्साइज एक्ट के, एक आगजनी का और अन्य चार मुकदमे दर्ज हैं। संवाद

चुनाव के समय प्रशासन भी होता है परेशान

लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव या फिर ग्राम पंचायत का चुनाव, प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। पोलिंग पार्टियों को या तो एकदम सुबह या फिर एक दिन पहले ही रवाना करना पड़ता है। उन्हें मऊ जनपद की सीमा से होते हुए बड़हलगंज गोरखपुर के रास्ते सेमरी गांव को पहुंचना होता है। ऐसे में उनका पूरा दिन चला जाता है।व में कभी किसी के बीच विवाद होता भी है तो लोग पंचायत में बैठकर सुलझा लेते हैं। मामला पुलिस तक नहीं पहुंचता है।

सगड़ी तहसील के सेमरी गांव की जिला मुख्यालय से दूरी 70 किमी से अधिक है। वहीं गांव से महराजगंजचुनाव के समय प्रशासन भी होता है परेशान

लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव या फिर ग्राम पंचायत का चुनाव, प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। पोलिंग पार्टियों को या तो एकदम सुबह या फिर एक दिन पहले ही रवाना करना पड़ता है। उन्हें मऊ जनपद की सीमा से होते हुए बड़हलगंज गोरखपुर के रास्ते सेमरी गांव को पहुंचना होता है। ऐसे में उनका पूरा दिन चला जाता है।

ग्राम प्रधान दशरथ निषाद ने बताया कि छोटी-मोटी घटनाएं को बैठकर पंचायत कर निपटा दिया जाता है। विगत दो वर्षों में कोई चालान नहीं हुआ है। एक बड़ी घटना गांव में 2008-09 में हुई थी। गांव में आगजनी हुई थी। थाने की दूरी 48 किमी है। यह गांव जनपद का इकलौता गांव है, जो घाघरा नदी के दूसरी तरफ पड़ता है और गोरखपुर जनपद से सटा हुआ है। इस गांव की कुल आबादी 1200 है, जिसमें 754 मतदाता हैं और 180 आशियाने हैं। वर्तमान में यह गांव घाघरा की कटान के मुहाने पर खड़ा है। 2021-22 में इस गांव का प्राथमिक