कहां गए बसपा और कांग्रेस के वोटर? गोला में बढ़ने के बजाए घट गए BJP, SP के वोट प्रतिशत

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यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के गोला गोकर्णनाथ विधानसभा उपचुनाव में भी भाजपा ने सपा को पटकनी दे दी है। इससे पहले भी यह सीट भाजपा ने ही जीती थी। मतगणना के बाद चुनाव के जो नतीजे सामने आए हैं उनके मुताबिक जीत या हार तो अपनी जगह पर है लेकिन अगर पिछले चुनाव की बात करें तो दोनों दलों के वोट घट गए हैं। यह हालात तब हैं जब इस चुनाव में कांग्रेस और बसपा ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। दोनों पार्टियों ने इस चुनाव में दूरी बनाकर रखी थी।

अनुमान लगाया जा रहा था कि बसपा और कांग्रेस के चुनाव नहीं लड़ने के कारण इनके वोटर जिधर जाएंगे उसकी जीत के साथ वोट प्रतिशत में भी इजाफा होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चुनाव में हार-जीत का परिणाम तो आ गया, लेकिन वोटों के आंकड़े पहले से और कम हो गए। अब सवाल यही उठ रहा है कि चुनाव से दूरी बनाने वाली बसपा और कांग्रेस के वोट आखिर किधर चले गए? हालांकि लोगों का कहना है कि उपचुनाव में मतदान का प्रतिशत कम होने का यह असर देखने को मिला है।

चुनाव के नतीजों को अगर देखा जाए तो 2022 के आम चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अरविन्द गिरि को एक लाख 26 हजार वोट मिले थे। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी सपा प्रत्याशी विनय तिवारी से 29 हजार वोटों से जीत हासिल कर विधायक चुने गए थे। विनय तिवारी को 97 हजार वोट मिले थे। इस उपचुनाव की अगर बात की जाए तो भाजपा प्रत्याशी अमन गिरि को एक लाख 24 हजार 810 वोट मिले हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी सपा प्रत्याशी विनय तिवारी को 34 हजार वोटों से हराया है। विनय तिवारी को इस चुनाव में 90, 512 वोट मिले हैं। अगर आंकड़ों को देखा जाए तो अमन गिरि की जीत तो 34 हजार वोटों से हुई है लेकिन अगर वोट की बात की जाए तो आम चुनाव में उनके पिता अरविन्द गिरि को ज्यादा मिले थे। वहीं सपा प्रत्याशी विनय तिवारी को 2022 के चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में करीब सात हजार वोट कम मिले हैं। दोनों चुनाव में यहां प्रत्याशियों की संख्या सात ही रही है। 2022 के चुनाव में कांग्रेस व बसपा प्रत्याशी भी मैदान में थे लेकिन इस उपचुनाव में कांग्रेस व बसपा ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे। अगर देखा जाए तो सीधा मुकाबला भाजपा व सपा में ही रहा। जानकार बताते हैं कि उप चुनाव में मतदान प्रतिशत कम हुआ। इसी का असर प्रत्याशियों के वोटों पर पड़ा है। हालांकि भाजपा की जीत से भाजपाइयों में उत्साह है।