बाराबंकी: राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले लखनऊ-अयोध्या हाईवे को विश्वस्तरीय बनाने की कवायद शुरू हो गई है। करीब 135 किमी लंबे हाईवे पर 70 दिन में करीब 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे। टेंडर हो चुका और 10 नवंबर से दोनों ओर से युद्धस्तर पर काम शुरू होगा। लखनऊ-अयोध्या हाईवे का करीब 50 किमी हिस्सा बाराबंकी में पड़ता है। इस हाईवे पर 40 फीसदी सड़क कंकरीट से बनी है। वाहनों की पहिया फिसले नहीं, इसके लिए शेष 60 फीसदी भाग में 100 मिमी मोटी बिटुमिन सड़क तैयार होगी। अतिरिक्त व पार्किंग लेन तैयार किए जाएंगे। सर्वे पूरा लिया गया है। सभी अवैध कट बंद कर दिए जाएंगे।
लखनऊ से अयोध्या तक आबादी वाले क्षेत्रों के साथ व्यस्त जगहों पर मेंटल की रेलिंग लगाई जाएंगी। रंगरोगन के साथ संकेतक, रेडियम पट्टी भी लगेगी। एनएचएआई के परियोजना निदेशक सौरभ चौरसिया ने बताया कि टेंडर हो गया है। कंपनी नामित हो गई है। 10 नवंबर से दोनों ओर से युद्ध स्तर पर दिन रात कार्य होगा। 20 जनवरी से पहले कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
116 होटल-ढाबे हटेंगे, रोपित होंगे फूल-पौधे
लखनऊ से लेकर अयोध्या के बीच 116 होटल-ढाबे चिंहित किए गए हैं जिन्हे हाईवे के किनारे से हटाया जाएगा। हाइवे पर लगे पौंधों की कटाई छटाई करने करने के साथ साथ रंग रोगन का कार्य बस शुरू होने जा रहा है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर ज्ञानेन्द्र मिश्रा ने बताया कि हाईवे पर 116 होटल-ढाबे हटाए जाएंगे जो अलग शिफ्ट किए जाएंगे। डिवाइडर व किनारों पर फूलों व बेलों के पौधे लगाए जाएंगे।