मोदी ने दिलाया सिखों को न्याय, समुदाय को मुख्यधारा में लाया गया: नड्डा

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दृढ़ संकल्प के साथ सिख समुदाय के सदस्यों को न्याय दिलाकर उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया है। नड्डा यहां एक कार्यक्रम में आउटलुक समूह की कॉफी टेबल बुक ‘सिख एंड मोदी: ए जर्नी ऑफ 9 इयर्स’ का विमोचन करने के बाद सिख समुदाय के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।

नड्डा ने केंद्र की भाजपा-नीत सरकार द्वारा लिये गए विभिन्न फैसलों को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने सिख समुदाय के लिए जो किया है, वह अब तक किसी अन्य नेता ने नहीं किया। भाजपा प्रमुख ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “वर्ष 1984 के सिख-विरोधी दंगों में शामिल लोगों की 30 साल तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई और कोई कार्रवाई नहीं हुई।

एक राजनीतिक दल से जुड़े लोगों को संरक्षण प्राप्त होता रहा।” उन्होंने कहा कि हालांकि, मोदी सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया और कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा, “तैंतीस साल बाद दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

दृढ़ संकल्प के साथ मोदी ने सिख समुदाय को न्याय दिलाकर उन्हें मुख्यधारा में लाने का काम किया है।” नड्डा ने पिछले नौ वर्षों में मोदी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया और कहा कि उन्होंने अपनी दूरदृष्टि और साहस से कई ऐसे मुद्दों का समाधान किया जो वर्षों से अनसुलझे थे।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने कभी कुर्सी (प्रधानमंत्री पद) की परवाह नहीं की। उन्होंने हमेशा देश की परवाह की और देश के लिए जो भी जरूरी था, वह किया।” उन्होंने मोदी की ‘राजनीतिक प्रतिबद्धता और दृष्टिकोण’ की सराहना की।

नड्डा ने कहा कि मोदी सरकार ने श्री हरमंदिर साहिब को विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) पंजीकरण प्रदान किया, जिससे दुनिया भर के सिख अपना योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने लंगर की वस्तुओं पर जीएसटी माफ करके गुरुद्वारों को बड़ी राहत दी है। नड्डा ने सिख समुदाय के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और मोदी सरकार द्वारा सिख तीर्थयात्रा के लिए करतारपुर साहिब गलियारा खोलने, देश में विभिन्न सिख तीर्थस्थलों को जोड़ने के लिए केंद्र की परियोजना, अफगानिस्तान से सिख परिवारों को वापस लाने के भारत के प्रयास तथा तालिबान के देश पर कब्जा करने के बाद सिख धर्मग्रंथों के ‘सरूपों’ को वापस लाने सहित विभिन्न पहलों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ”गतका (सिखों से जुड़ा मार्शल आर्ट का एक रूप) इस साल राष्ट्रीय खेलों में शामिल होगा… ये सभी चीजें दिखाती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी सिखों को मुख्यधारा में कैसे लाये हैं।”