निकाय चुनाव को लेकर नगरपालिका और नगर पंचायतों में बढ़ी सरगर्मी, नवसृजित नगर पंचायतों में चुनाव को लेकर अलग ही उत्साह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में भले ही अभी घोषणा नही हुई है और माना जा रहा है कि महीने भर का समय है लेकिन संभावित दावेदार अभी से एक-एक वोटरों को सहेजने में जुटे हुए हैं। निकाय चुनाव को लेकर नगरपालिका और नगर पंचायतों में सरगर्मी बढ़ गई है। सुबह से लेकर देर शाम तक वोटरों से संपर्क करने में दावेदार जुटे हुए हैं। विस्तारित नगरपालिका व नगर पंचायतों में दावेदार अपने परिचितों का सहारा लेकर चुनावी फिजा बना रहे हैं। वार्ड के पुराने नेताओं संग मंथन का दौर भी शुरु हो गया है। वोटों की गुणा. गणित बैठाने में भी दावेदार पीछे नहीं है। हालांकि, आरक्षण को लेकर परिदृश्य अभी साफ नहीं हो सका है। वही जहां पहली बार मतदाता निकाय चुनाव में वोट की चोट करेंगे। निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में है। वार्डों के आरक्षण की स्थिति भी आने वाले एक सप्ताह बाद स्पष्ट हो जाएगी। माना जा रहा है कि दिसंबर महीने के मध्य निकाय चुनाव संपन्न हो जाएगा। निकाय चुनाव को लेकर संभावित दावेदार मैदान में उतर चुके हैं। घर-घर संपर्क करने के साथ ही वोटरों को रिझाने में भी वार्डों के संभावित दावेदार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लडने वाले दावेदार भी मतदाताओं के घरों की परिक्रमा कर अपने पक्ष में समर्थन मांग रहे हैं। नवसृजित नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों में पहली बार मतदाता निकाय चुनाव में वोट की चोट करेंगे। इन नवसृजित निकायों में चुनाव को लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। जिन गांवों को नगर पंचायत में शामिल किया गया है। उन गांवों में पहले प्रधान और बीडीसी रह चुके लोग भी निकाय चुनाव में दावेदारी कर रहे हैं। पोस्टर, बैनर के अलावा दावेदारों ने सोशल मीडिया को भी प्रचार का एक जरिया बना लिया है। ग्राम प्रधान रह चुके लोग नगर पंचायत अध्यक्ष पद की दावेदारी कर रहे हैं। तो पूर्व में बीडीसी रहे लोग सभासद की तैयारी में हुए हैं। इन निकायों के मतदाताओं में भी चुनाव लेकर उत्साह दिख रहा है।