उदयपुर: सोशल मीडिया से पत्रकारिता के प्रारूप में बदलाव आया है लेकिन आज भी जनता और सरकार के बीच सामंजस्य बनाने में मीडिया ही मदद कर रहा है। यह बात आज यहां राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के द्वारा डॉ. भंवर सिंह सुराणा की स्मृति में आयोजित परिचर्चा में मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रोधोगिकी विश्वविधालय के वीसी डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने कही।
राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के संस्थापक अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार अनिल सक्सेना ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पत्रकारिता में सच को पाठकों तक पहुंचाने के लिए जुनून और जिद की आवश्यकता है, जो कई पत्रकारों में आज भी मौजूद है। उन्होने कहा कि सच तो यह है कि आज भी समाज में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को कोई नही नकार सकता है।
कार्यक्रम के अति विशिष्ट राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष दुलेराम सहारण ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम कार्य कर रहा है उसी तरह से साहित्य अकादमी भी काम कर रही है। विश्व हिंदी परिषद के महासचिव डॉ. विपिन कुमार नई दिल्ली ने पत्रकारिता में हिंदी के महत्व को बताया।
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. उरूक्रम शर्मा जयपुर ने ‘हमारी पत्रकारिता की विरासत एवं नवीन युग की चुनौतियांँ‘ विषय पर बीज वक्तव्य देते हुए कहा कि लोकतंत्र के सुचारू संचालन के लिए विचारों का स्वतंत्र आदान-प्रदान, सूचना और ज्ञान का आदान-प्रदान, बहस और विभिन्न दृष्टिकोणों की अभिव्यक्ति का प्लेटफार्म मीडिया है।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक कमलेश शर्मा, राष्ट्रीय कवि और साहित्यकार दिनेश सिंदल जोधपुर, अशोक जैन और भगत सिंह सुराणा ने भी विचार व्यक्त किये।