नीरज शुक्ला (रामनगर बाराबंकी संवाददाता)
आदर्श नगर पंचायत रामनगर में अतिक्रमण का जाल फैला हुआ है। इस अतिक्रमण के कारण लगने वाले जाम की समस्या से वाहन चालक ही नहीं बल्कि राहगीर भी बहुत परेशान है।
यहां के व्यापारीगण दबंगई पूर्वक मनमाने तरीके से अपनी दुकान सड़क के बिल्कुल किनारे तक लगा लेते है। जिसके कारण नगर में जाम की समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है।
नगर में फैले जगह-जगह अतिक्रमण के कारण वाहनों का ही नहीं बल्कि राहगीरों का भी चलना दूभर हो गया है।
जाम होने की समस्या का मुख्य कारण एक तो दुकानदार अपनी दुकान सड़क तक लगाते है इसके बाद जो ग्राहक उनकी दुकान पर आते है वह अपने वाहन दुकान के बाहर खड़े कर देते है जिससे सड़क पर वाहनों के निकलने के लिए पर्याप्त जगह ही नहीं बच पाती है।
ऐसे में यदि दोनों तरफ से वाहन नगर में प्रवेश करते हैं तो सड़क पर जाम लग जाता है। और सभी घंटो फसे रहते है।
कभी कभार तो दुकानदार व वाहन चालक में तू-तू मैं-मैं की भी नौबत आ जाती है। आलम यह है कि वाहनों का निकलना तो दूर राहगीर भी बड़ी मुश्किल से निकल पाते है। जिसके चलते नगर में जाम की समस्या समाप्त नहीं हो रही है।
यदि नगर में जाम की समस्या से छुटकारा दिलाना है तो नगर में अतिक्रमण को हटाना अति आवश्यक है।
ज्ञात हो कि पूर्व में रामनगर में तैनात रही उप जिलाधिकारी तान्या सिंह ने नगर का अतिक्रमण हटवाया था और शख्त हिदायत भी दी थी कि अगर अब किसी दुकानदार के द्वारा अतिक्रमण किया गया तो उसके खिलाफ शख्त कार्रवाई की जायेगी। लेकिन इसके बाद यहां के दुकानदारों ने उपजिलाधिकारी की बातों को गंभीरता से न लेकर दबंगई पूर्वक अपनी दुकान को फिर से सड़क तक लगाने लगे।
इस विषय को लेकर क्षेत्र की जनता में भारी आक्रोश ब्याप्त है और तरह-तरह कि चर्चाओं का बाजार गर्म हों रहा है कि एक तरफ जिले के तेजतर्रार जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी अतिक्रमण हटवाने के कड़े निर्देश दे रखे है तो दूसरी तरफ तहसील के जिम्मेदार अधिकारीगण उन निर्देशों की सरेआम धज्जियाँ उड़ाने पर तुले हुए है।
इसी रास्ते से इन अधिकारियों का भी आना जाना होता है लेकिन काम न करना पड़े इसी कारण मामले को नजरंदाज कर देते है।
इस प्रकरण को लेकर आज हमारे संवाददाता ने ज़ब उपजिलाधिकारी पवन कुमार से दूरभाष के जरिये जानकारी चाहा तो उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।
पुलिस की कार्यशैली पर भी उठ रहे सवाल
नगर में जाम लगने का दूसरा मुख्य कारण यह भी है कि नगर के बुढ़वल चौराहे (हाइवे) पर अक्सर एक ही होमगार्ड ड्यूटी पर दिखाई देता है। उसके लिए इतनी बड़ी जिम्मेदारी उठाना संभव नहीं है।
सुबह होते ही बदोसराय मोड़ पर ई-रिक्शा चालक दुकानों के ठीक सामने अपना वाहन खड़ा कर दिनभर कब्ज़ा जमाये रखते है और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने बैठे रहते है। जिसके चलते जाम की स्थिति हमेशा बनी रहती है।
सुरक्षा का जायजा लेने के लिए प्रतिदिन पुलिस कि गस्त होती है लेकिन इस बड़ी समस्या को खत्म करने में पुलिस असमर्थ दिखाई पड़ रही है।
जिम्मेदारों के द्वारा हो रहे इस तरह के रवैये से क्षेत्र कि जनता में चर्चाओं का बाजार गर्म है।