जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रहा तहसील प्रशाशन

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नीरज शुक्ला/ रामनगर बाराबंकी: तहसील रामनगर के अधिकारियों के द्वारा निरंतर जांच के नाम पर औपचारिकता निभाई जा रही है। “न काम के न काज के, दुश्मन अनाज के” वाली कहावत यहां के अधिकारियों पर सटीक बैठ रही है।जबकि सूत्रों का कहना है कि यह तहसील जनपद के अन्य तहसीलों की अपेक्षा जांच के नाम पर झूठी आख्या लगाने में माहिर है। तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम अमोली हिसामपुर में हो रहे धड़ल्ले से मिट्टी खनन की जांच की खानापूर्ति की जा रही है। इस संबंध में जब उपजिलाधिकारी पवन कुमार से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि मौके पर टीम भेजी गई है,जांच की जा रही है। जबकि शिकायत कर्ता कुछ और कह रहा है। इसका कहना है कि हम अपने खेतों में बैठे इंतज़ार करते रहे लेकिन तहसील से आये लेखपाल धर्मेंद्र कुमार ने विपक्षी से मिल सांठ-गांठ करके वापस चले गए। जब इस संबंध में जब लेखपाल से बात किया तो उन्होंने मंगलवार को फिर से टीम गठित कर करवाई करने की बात कही है। फिर से जब इस मामले को एसडीएम को अवगत कराया तो उन्होंने संवाददाता से कहा कि आप इस मामले में इतना क्यों दिलचस्पी दिखा रहे हो। शिकायतकर्ता का कहना है कि तहसील प्रशाशन जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है। लेखपाल का गांव तक जाना और विपक्षी से मिलकर चले आना, जबकि जांच स्थल पर न जाना ये बात खनन ठेकेदार व अधिकारी के बीच सांठ गांठ की तरफ इशारा कर रही है।

पिछली बार हुए खनन में कुछ ऐसा ही हुआ था। शिकायत हुई, फिर तहसील प्रशाशन द्वारा जांच की औपचारिकता निभाई गयी। जब खनन माफियाओं ने अपनी व अधिकारियों की खूब जेबें भर चुके तब गांव के लेखपाल के द्वारा आख्या लगाई जाती है कि सरकारी भूमि पर खनन माफियाओं द्वारा मिट्टी खनन हुआ है। लेकिन मौके पर कोई भी व्यकि या सामग्री नही मिला है।