संवाददाता : सलीम जावेद
वाराणसी : जिसमे बुनकर बिरादराना तंजीम पांचों की जानिब से जिसकी सदारत हाजी मुख्तार साहब ने की और तंजीम पांचों के सरदार अतिकुल्लाह साहब की पूरी काबिना और 9 इलाकाई सरदार साहबान की मोजूदगी रही कार्यकर्म का संचालन जनाब मौलाना अब्दुल आखिर साहब ईमाम ईदैन मस्जिद ज्ञानवापी ने की और जलसे का आगाज़ तिलावते कलाम पाक से जनाब हाफिज नसीम अहमद ने की खेताब हज़रत मौलाना एयाज़ साहबखतीब ईमाम मस्जिद भोज बाबा ने किया जो दस्तूर अमल में लाया गया है वो 11 बिंदु पर मोहर लगाई गई है जो तमाम इलाकों के सरदार साहबान को गाइड लाइन दिया गया है वो 1 अप्रैल 2025 अमल में लाया जाएगा, (1) 15 से 25 अफ़राद के साथ दूल्हा अपने ससुराल जाएगा और लड़की वाले अपने सहूलियत से बिदाई करेंगे बारात और इसके तमाम सूरतों पर मुकम्मल पाबंदी लगाई जाती है,
2, निकाह की तकरीब मस्जिद घर में मुनाकिद करने का किया जाए और निकाह की पढ़ाई और हक पद इस महफिल में अदा कर दी जाए
3, लड़का और लड़की वालों की तरफ से समधी समधन व दामाद की दावत मुकम्मल पाबंदी आयद की जाती है
4, मैहर निकाह का एक लाजमी हिस्सा है लिहाजा महेर 101 ग्राम चांदी या इसकी कीमत से कम ना हो,
5, वलीमा सुन्नत है लिहाजा वलीमा के खाने में मेंआना रवि और दिखावा से बचने का खास ख्याल रखा जाए,
6, इस्लाम ने नुमाइश और दिखलावे से मना किया है लिहाजा लड़के की जानिब से जाने वाली डाल को हल्का किया जाए जिसमें कम से कम 5 जोड़ा ज्यादा से ज्यादा साथ जोड़ा और मुक्तसर सातों सामान भेजा जाए,
7, लड़के या लड़की की मंगनी और पक्की की तकरीर को मुक्तसर करने की कोशिश की जाए इस मौके पर बहुत ज्यादा सामानों का लेनदेन न किया लिहाजा लड़के या लड़की की ₹1100 नगद दिए जाएं और 2 किलो मीठा लेकर जाया जाए,
8, रस्म पगड़ी बदस्तूर कायम रहेगी,
9, जहेज़ का पांच आदत बर्तन और 251 नगद बदस्तूर कायम रहेगा,
10, बंधावा की रस्म मुकम्मल तौर से खत्म की जाती है,