बाराबंकी: साइबर जालसाजों ने सेना के सेवानिवृत्त कर्नल डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ से करीब 1.64 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। जालसाजों ने शेयर मार्केट में अधिक मुनाफे का लालच देकर यह रकम हड़प ली। डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ इस समय डॉ. केएनएस मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के चिकित्सा निदेशक हैं।इस्टीट्यूट के कैंपस में ही उनका आवास है। उन्होंने बताया कि यह ठगी जुलाई और अगस्त के बीच हुई। जालसाजों ने उन्हें दो फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स SMIFS मैक्स और LSV मैनेजमेंट से अपने जाल में फंसाया।
पीड़ित कर्नल ने बताया कि उन्होंने बैंक से कर्ज लेकर बड़ी रकम शेयर मार्केट में निवेश की थी। जब पैसे वापस नहीं आए, तब उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ। तुरंत उन्होंने साइबर थाना बाराबंकी में शिकायत दर्ज कराई। कर्नल की ओर से साइबर थाने में दी गई तहरीर में यह जानकारी सामने आई कि दो अलग-अलग समूहों ने कर्नल को फोन कर निवेश का झांसा दिया।फर्जी ऐप्स के जरिए उन्हें निवेश करने पर अधिक मुनाफे का लालच दिया गया। कर्नल ने अपने तीन अलग-अलग खातों से विभिन्न बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए। साइबर थाना प्रभारी विजय वीर सिंह सिरोही ने बताया कि यह बाराबंकी की अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी है। जांच जारी है कि ठगों ने कितने खातों का इस्तेमाल किया और पैसे कहां गए।
पुलिस ने ठगों को पकड़ने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। सेवानिवृत्त कर्नल डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ की इस घटना ने एक बार फिर साइबर सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर किया है, जहां लालच देकर भोले-भाले लोगों को जाल में फंसाया जा रहा है।