सराय मोहल्ले में आतिशबाजी में विस्फोट के बाद मंजर को याद कर लोग सहमे नजर आए। उनका कहा रहा कि आसमान से बमों की तरह ईंट-पत्थर बरस रहे थे। घटनास्थल के आसपास के लोग अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं।
70 साल की हसनमा का मकान हादसे वाली जगह से 40 मीटर दूर है। विस्फोट से उड़ीं मकान की ईंटों की चपेट में आकर वह भी चोटिल हुई हैं। वह अभी तक खड़ी भी नहीं हो पा रही हैं। हसनमा ने बताया कि जब साबिर के मकान से धमाके की आवाज आनी शुरू हुई तो वह मकान से निकलकर सड़क पर आ गई। साबिर के मकान से ईंटों के टुकड़े आसमान में उड़कर दूर तक जा रहे थे। वह डरकर मकान की तरफ भागीं, लेकिन तब तक ईंटों के कई टुकड़े उन्हें आकर लगे, जिससे वह चोटिल हो गईं। कुछ आगे लक्ष्मण का मकान है।
मंगलवार को लक्ष्मण की दोनों बेटियां 16 साल की नीलम व 18 साल की मधु घर के आंगन में थीं। ईंटों के टुकड़े मकान के आंगन में आकर गिरे। इनसे दोनों घायल हो गईं। दिनेश कश्यप हादसे वाली जगह से 70 मीटर दूर सड़क पर खड़ा था। हादसे को याद कर वह दहशतजदा हो जाता है। उसका ने कहा कि ऐसा लगा, जैसे-आसमान से गोले बरस रहे हो। उस समय जान बचाकर भागा, लेकिन फिर भी चोटिल हो गया।
विस्फोट के मंजर को याद सहम रहे लोग, दहशत
गुन्नौर। गुन्नौर कस्बे में आतिशबाजी की बारूद के धमाके से चार की मौत व तीन मकान जमींदोज की घटना के बाद लोग दहशत में हैं। वे घटना के खतरनाक मंजर को याद सहम रहे हैं। फिलहाल पुलिस ने घटनास्थल क्षेत्र सील कर आवाजाही पर रोक दी है। बुधवार को बम निरोधक दस्ते ने मकानों से बरामद विस्फोटक सामान की गहनता से जांच की। लेकिन इस गैर कानूनी काम को संरक्षण देने वाले किसी जिम्मेदार पर कार्रवाई नहीं की गई है।
पड़ोंसियों के तीन मकान भी जमींदाज हो गए
गुन्नौर के सराय मोहल्ले में कुटीर उद्योग की तरह छह घरों में बड़े पैमाने पर आतिशबाजी बनाने का काम कई साल से किया जा रहा था। इस धंधे के मुख्य कर्ता धर्ता सलीम व उसका भाई साबिर मकानों में विस्फोटक सामग्री का बड़ा स्टाक रखते थे। मंगलवार को इस सामग्री में विस्फोट से छह माह के मासूम सहित चार लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए थे। पड़ोंसियों के तीन मकान भी जमींदाज हो गए। जबकि कई मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। पुलिस ने रात में ऑपरेशन चलाकर घरों से आतिशबाजी का स्टॉक जब्त किया और छह मकानों पर सील लगा दी। जिस जगह हादसा हुआ उसके आसपास का इलाका भी बैरिकेट लगाकर सील किया गया है। पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। विस्फोट से क्षतिग्रस्त मकान अभी गिरने की आशंका है। क्षेत्र के लोग दहशत में नजर आए।
वहीं विस्फोट से तीन मकान ध्वस्त हुए तो सवाल यह भी खड़ा हुआ कि क्या यह पटाखों से विस्फोट हुआ। इसी बात का सच पता जानने के लिए बुधवार को बम निरोधक दस्ता गुन्नौर पहुंचा। दस्ते में शामिल पुलिसकर्मी सबसे पहले उस जगह गए जहां हादसा हुआ था। वहां मकान के मलबे के बीच पड़े कुछ सामान को देखा। वहां सुतली के कई बंडल पडे मिले, जिनता इस्तेमाल पटाखे बनाने में किया जाता था। इसके बाद दस्ता कोतवाली पहुंचा और वहां पुलिस द्वारा साबिर व सलीम के मकान से बरामद विस्फोटक की जांच पड़ताल की। दस्ते में शामिल पुलिसकर्मियों का कहना है कि वे जांच पड़ताल कर रहे हैं। अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने बताया, अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला है जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि आतिशबाजी बनाने के काम आने वाली बारूद के अलावा किसी अन्य तरीके का विस्फोटक था।
घर में नहीं था उवैस का परिवार, बच गई जान
संभल/गुन्नौर। उवैस व उसके परिवार के लोग एक दिन पहले ही मकान बंद कर नैनीताल घूमने चले गए थे। उवैस का मकान साबिर के उस घर से बिल्कुल सटा है जो विस्फोट के बाद पूरी तरह ध्वस्त हो गया। उवैस के मकान की साबिर के घर से सटी दीवार टूटकर गिर गई, जबकि पूरा मकान क्षतिग्रस्त होने के साथ ही मलबा बैडरूम व दूसरे कमरों में फैल गया। कमरों में जिस तरह मलबा फैला है उससे साफ है कि अंदर परिवार के लोग होते तो उनकी जान को खतरा था।
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