टॉफी व गुब्बारा बेचकर अपना पेट पालने वाले बुजुर्ग की थमी सांसें, नहीं आए रिश्तेदार, पुलिस ने कराया अंतिम संस्कार, एक रिश्तेदार ने कहा; वह कपड़े धोकर नहा चुका है। कल आएगा

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असंद्रा (बाराबंकी): थाना क्षेत्र में टॉफी व गुब्बारा बेचकर अपना पेट पालने वाले बुजुर्ग की सांसें पन्नी के पर्दे से बनी निर्माणाधीन दुकान के अंदर थम गईं। पुलिस पहुंची और कुछ रिश्तेदारों का पता लगा। लेकिन संवेदनहीनता की सभी हदें पार करते हुए कोई भी शव लेने तो दूर मौके पर नहीं पहुृंचा। आखिरकार पुलिस ने बुजुर्ग का अंतिम संस्कार कराया।कोतवाली हैदरगढ़ क्षेत्र के लाही गांव निवासी लालजी सोनी (62) बीते करीब 20 साल से असंद्रा व कोठी थाना क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर रहकर साइकिल से टॉफी, चटनी, चूरन व गुब्बारा बेचकर जीवनयापन कर रहे थे। इस समय वह असंद्रा के रसूलपुर चौराहा पर चेतई की अर्धनिर्मित दुकान में पन्नी का पर्दा लगा कर रह रहे थे। बृहस्पतिवार की सुबह लालजी बिस्तर पर मृत मिले। चौकीदार साहेबलाल की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

पुलिस ने उसके रिश्तेदारों काे पता लगाकर सूचना दी। एक रिश्तेदार ने तो कह दिया कि वह कपड़े धोकर नहा चुका है। कल आएगा। पोस्टमार्टम के बाद कोई भी शव लेने नहीं आया। इस पर एसएचओ संतोष कुमार सिंह ने बुजुर्ग को मुखाग्नि देने की व्यवस्था की। पोस्टमार्टम हाउस में शव पहुंचाने वालों के माध्यम से शहर के ही श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। एसएचओ का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण पता चलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।