राष्ट्रीय कुली मोर्चा करेगा कुलियों का सर्वे, रेलवे बोर्ड ने दिया रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की जांच का आदेश

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* राष्ट्रीय कुली मोर्चा करेगा कुलियों का सर्वे
* रेलवे बोर्ड ने दिया रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की जांच का आदेश
* राष्ट्रीय कुली मोर्चा की वर्चुअल बैठक में हुआ निर्णय, पूरे देश में करेंगे रोजगार सम्मेलन
संवाददाता : जावेद मकरानी
लखनऊ, 8 अगस्त 2025, राष्ट्रीय कुली मोर्चा द्वारा पिछले 6 महीनों से कुलियों की रोजगार और सामाजिक सुरक्षा के लिए चलाए गए अभियान के परिणाम स्वरूप रेलवे बोर्ड ने कुलियों की स्थितियों की जांच का आदेश सभी डीआरएम को दिया है। इस जांच की अवधि में राष्ट्रीय कुली मोर्चा भी कुलियों के बीच सर्वे करेगी और इसकी रिपोर्ट अश्वनी वैष्णव, रेल मंत्री भारत सरकार और रेलवे बोर्ड को सौंपी जाएगी। इस दौरान सभी डिवीजन और जोनल मुख्यालय पर कुलियों के रोजगार सम्मेलन भी किए जायेंगे। इस आशय का निर्णय आज राष्ट्रीय कुली मोर्चा की वर्चुअल बैठक में लिया गया। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए मोर्चा के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर राम सुरेश यादव ने बताया कि विगत 6 महीनों में राष्ट्रीय कुली मोर्चा के प्रतिनिधियों ने विभिन्न दलों के प्रमुखों, विभिन्न सांसदों को पत्र दिए और स्टेशनों पर कार्यक्रम करके रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी मांग पत्र भेजा गया। संसद में भी कुलियों के आजीविका का सवाल प्रमुखता से उठा। इससे आधुनिकरण और निजीकरण के कारण कुलियों के सामने पैदा हुए आजीविका का संकट राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया। इस प्रक्रिया में रेल मंत्रालय, भारत सरकार और रेलवे बोर्ड ने देश के सभी डीआरएम को रेलवे कुलियों की दशा पर जांच कर अपनी आख्या देने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि इस जांच के दौरान राष्ट्रीय कुली मोर्चा भी कुलियों की दशा को लेकर देश भर के सभी कुलियों के बीच में सर्वे करेगी। इस सर्वे में 2008 की तरह एक बार फिर रेलवे की नौकरी में कुलियों को समायोजित करने, माई कुली एप, ट्राली प्रथा और बैटरी रिक्शा जैसे निजीकरण के प्रयासों से उनकी आजीविका पर आए हुए संकट, उनके बच्चों को रेलवे द्वारा प्रदान मुफ्त शिक्षा की स्थिति, उनके परिवार जनों के स्वास्थ्य सुविधा की हालात, उनके विश्राम गृहों और सामाजिक सुरक्षा की अन्य योजनाओं के लागू होने की स्थिति का व्यापक अध्ययन किया जाएगा। इसकी एक रिपोर्ट बनाकर रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड भारत सरकार को भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि देश के प्रख्यात अर्थशास्त्रियों का मत है कि देश के शीर्ष 200 कॉर्पोरेट घरानों की संपत्ति पर समुचित टैक्स लगा दिया जाए और काली पूंजी के अर्थव्यवस्था को नियोजित किया जाए तो देश में संसाधनों की कोई कमी नहीं रहेगी। इससे कुलियों समेत सभी नौजवानों को सम्मानजनक रोजगार की गारंटी की जा सकती है। साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य समेत पेंशन तक के अधिकार को सुनिश्चित किया जा सकता है। भारत का संविधान देश के हर नागरिक के गरिमापूर्ण जीवन की गारंटी सुनिश्चित करता है। इसलिए सरकार की जिम्मेदारी है कि देश के नागरिक होने के नाते कुलियों की आजीविका के संकट को हल करें और उनकी सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करें।
बैठक का संचालन राष्ट्रीय कुली मोर्चा के नेता चंदेश्वर मुखिया ने किया। बैठक मैं राष्ट्रीय कुली मोर्चा के कोआर्डिनेटर कलीम मकरानी रामबाबू बिलाला, जफर खान, राम महावर, उमेश शर्मा, रुस्तम मकरानी, दिनेश कुमार मुखिया, धर्मवीर सिंह, अनिल सावले, राजकुमार यादव, अरुण कुमार यादव, नामदार अली, गुफरान अहमद, संजय पासवान, चंद्रू वाई० चालवाडी, नदीम, राहुल कुमार, अनिल मंडल, छोटी टूरीवो, अभय कुमार, अरुण कुमार महतो, कन्हैया ग्वाला, राम भवन, मोहम्मद हाशिम, शेख रहमतुल्लाह, रफीक भाई, शिवराम आदि लोगों ने अपनी बात रखी। बैठक में रेलवे के हर डिविजन और प्रमुख स्टेशनों से प्रतिनिधि मौजूद रहे।