नर्सिंग भर्ती में बाहरी अभ्यर्थियों के चयन पर उठे सवाल, रितेश मल्ल ने मुख्यमंत्री से की हस्तक्षेप की मांग

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संवादता वसीम खान मऊ। उत्तर प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में हो रही नर्सिंग भर्तियों को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के श्रम प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि नर्सिंग भर्ती परीक्षा में केवल उत्तर प्रदेश के मूल निवासियों एवं यहीं से डिप्लोमा प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को ही आवेदन का अवसर दिया जाए।

रितेश मल्ल का कहना है कि हर बार की तरह इस बार भी देखा गया है कि प्रदेश की नर्सिंग भर्तियों में अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों का भारी संख्या में चयन हो रहा है। राजस्थान, बिहार, हरियाणा, मध्यप्रदेश एवं केरल जैसे राज्यों के अभ्यर्थी न केवल आवेदन कर रहे हैं, बल्कि बड़ी संख्या में चयनित भी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के स्थानीय युवाओं के साथ अन्याय है।

यूपी के युवाओं को मिलना चाहिए प्राथमिकता: मल्ल

रितेश मल्ल ने कहा कि अन्य राज्यों में स्थानीय अभ्यर्थियों को ही प्राथमिकता दी जाती है, जबकि उत्तर प्रदेश में ऐसी कोई बाध्यता नहीं होने के कारण प्रदेश के युवक-युवतियां नौकरी से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश नर्सिंग काउंसिल में बाहरी राज्यों के अभ्यर्थी रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं और आवेदन कर नौकरी भी हासिल कर लेते हैं, जिससे स्थानीय अभ्यर्थियों के सामने प्रतिस्पर्धा और भी कठिन हो जाती है।

नियमावली में हो संशोधन

मल्ल ने यह भी मांग की कि नर्सिंग भर्ती नियमावली में आवश्यक संशोधन कर यह प्रावधान किया जाए कि केवल उत्तर प्रदेश के निवासी, और यहीं के शैक्षिक संस्थानों से डिप्लोमा धारक ही आवेदन कर सकें। इससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार में उचित स्थान मिल सकेगा और उनकी उपेक्षा नहीं होगी।

उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था और प्रति व्यक्ति आय को मजबूत करने के लिए यह कदम आवश्यक है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो और स्थानीय युवाओं के हितों की रक्षा हो सके|