रिपोर्ट उमाकांत विश्वकर्मा
(बलिया) शिक्षक तथा अभिभावक बच्चों में उंची तालिम व अच्छे संस्कार के साथ-साथ राष्ट्र प्रेम की भावना का सृजन करें ताकि एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार किया जा सके। बलिया जनपद के रसड़ा में सोमवार को अमर शहीद भगत सिंह इंटर कालेज में शासन द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम विविधता में एकता एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राज्यमंत्री उप्र शासन बाल्मिकी त्रिपाठी ने उपर्युक्त बाते कहीं। इसके पूर्व उन्होंने नपा के कार्यवाहक अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सोनी, नोडल अधिकारी श्रीप्रकाश यादव तथा प्रधानाचार्य सुरेंद्र नाथ सिंह के साथ मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान छात्र-छात्राओ ने अनेकानेक राष्ट्रभक्ति गीत एवं नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम को राज्य सभा सांसद सकलदीप राजभर सहित सै. मुजतबा हुसैन, जितेंद्र कुमार, प्रभुनारायण चौबे, रमाकांत सिंह, विमलेश त्रिपाठी, सुरेंद्र चौधरी, असद अली आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
वहीं अंत में विद्यालय परिवार ने शिक्षा जगत में व्यवस्था व दुर्दशा को सुधारने के लिए 10 सूत्रीय ज्ञापन उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री बाल्मीकि त्रिपाठी को जिन मांगों पर सरकार से बात कर इनको पूरी करने की बात कही जहाँ विविधता में एकता को बताना भी सरकार का कार्यक्रम है वही शिक्षा जगत की विविध दुर्दशाओं व दुर्व्यवस्थाओं से जूझ रहा है । अतः आपके पुनीत आगमन पर विद्यालय परिवार आपके माध्यम से निम्न मांगों को उत्तर प्रदेश सरकार तक पहुंचाने व इसके निराकरण में सहयोग करने की अपेक्षा करता है | विविध उचित मांगे निम्न है : हो 1. पुरानी पेंशन लागू ‘ 2. निशुल्क चिकित्सा 3. दो बच्चों वालों को मिलने वाला छीना हुआ भत्ता वापस मिले । 4. मूल्यांकन पारिश्रमिक सी बी एस ई की तरह मिले क्योंकि बोर्ड परीक्षा फीस बहुत बढ़ गई है । 5. मकान किराया भत्ता बेसिक सैलरी का 30 प्रतिशत हो । 6. महंगाई भत्ते को आयकर में न जोड़ा जाए क्योंकि किसी भी एम पी और एम एल ए के वेतन के अतिरिक्त सभी भत्ते उनकी आय में नहीं जोड़े जाते जिससे वे बहुत ही कम आयकर देते हैं । 7. सामूहिक बीमा योजना पुनः शुरू की जाए । 8. कार्यालयों में सिटीजन्स चार्टर के अनुसार समय सीमा में कार्य न करने वालों पर आर्थिक दण्ड उसी तरह लगे जैसे सूचना के अधिकार में समय सीमा में सूचना न देने पर लगता है । 9. सरकार द्वारा पुराने विद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए चलाई जा रही अव्यवहारिक योजना में यह सुधार किया जाए कि विद्यालय की मरम्मत आदि खुद सरकार करे । सरकार ने नियम बनाया है कि 25 लाख स्कूल देगा तब 25 लाख सरकार देगी फिर 50 लाख से कोई संस्था काम कराएगी ।