उत्तराखंड, ऊधम सिंह नगर नानकमत्त
संवाददाता.. ब्यूरो. ईश्वर सिंह
गुरु पूरब के पावन उत्सव में मानवता की मिशाल को आगे बढ़ाते हुए समाज सेवी ऐनिमल ऐक्टिविस्ट प्रथम बिष्ट और समाज सेवी अरुण चूघ जी ने चालाया नेत्र दान संकल्प अभियान*
जागरूकता अभियान में श्री राधे ऐनिमल ग्रुप नानकमत्ता के संस्थापक सुखवीर सिंह राठौर और सिटी हॉस्पिटल के डा॰ महेश शर्मा जी की पूरी टीम ने नेत्र दान का संकल्प लिया और शहीद भगत सिंह सेवा समिति रूद्रपुर उत्तराखंड ने आभार व्यक्त किया॥
*अब एक व्यक्ति के नेत्रदान से चार लोग देख पाएंगे*
*एक कार्निया से दो लोगों में हो सकता है प्रत्यारोपण *
अब एक व्यक्ति नेत्रदान (कार्निया) करके चार लोगों की जिंदगी में रोशनी लौटा सकता है। केजीएमयू में नई तकनीक से एक कार्निया से दो मरीजों में प्रत्यारोपण किया जा रहा है। अब तक नई तकनीक से 38 कार्नियल नेत्रहीन को रोशनी प्रदान की जा चुकी है। अभी तक एक कार्निया एक ही व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया जाता था।
केजीएमयू नेत्र बैंक के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि कॉर्निया में पांच परतें होती हैं। इनमें इपीथीलियम, बोमेन मैम्बरेन, स्टोरमा, डिसिमेंट मैम्बरेन और इंडोथीलियम परत होती है। जिन मरीजों में अपर लेयर डिजीज होती है उनमें डीप एंटीरियर लैमेलर केरेटोप्लास्टी (डीएएलके) करते हैं और लोअर लेयर डिजीज में डेस्केमेट स्ट्रीपिंग एंडोथेलियल केरटोप्लास्टी (डीएसईके) की जाती है। ऐसे में कार्निया की परत को दो हिस्से में बांट लिया जाता है। कॉर्निया की सबसे भीतरी लेयर इंडोथीलियम होती है। अगर केवल इस लेयर को किसी कारणवश क्षति पहुंचती है, तो पूरी कॉर्निया का प्रत्यारोपण किया जाता है। यह आंखों की जांच के दौरान पता चलता है कि कौन सी परत खराब है। नई तकनीक से केजीएमयू में दान में मिले 19 कार्निया 38 लोगों में प्रत्यारोपित किए गए हैं। *उन्होंने बताया कि यूपी में करीब दो लाख लोग कार्नियल ब्लाइंडनेस के शिकार हैं।*
*अब एक व्यक्ति के नेत्रदान से चार लोग देख पाएंगे*
*एक कार्निया से दो लोगों में हो सकता है प्रत्यारोपण *
अब एक व्यक्ति नेत्रदान (कार्निया) करके चार लोगों की जिंदगी में रोशनी लौटा सकता है। केजीएमयू में नई तकनीक से एक कार्निया से दो मरीजों में प्रत्यारोपण किया जा रहा है। अब तक नई तकनीक से 38 कार्नियल नेत्रहीन को रोशनी प्रदान की जा चुकी है। अभी तक एक कार्निया एक ही व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया जाता था।
केजीएमयू नेत्र बैंक के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि कॉर्निया में पांच परतें होती हैं। इनमें इपीथीलियम, बोमेन मैम्बरेन, स्टोरमा, डिसिमेंट मैम्बरेन और इंडोथीलियम परत होती है। जिन मरीजों में अपर लेयर डिजीज होती है उनमें डीप एंटीरियर लैमेलर केरेटोप्लास्टी (डीएएलके) करते हैं और लोअर लेयर डिजीज में डेस्केमेट स्ट्रीपिंग एंडोथेलियल केरटोप्लास्टी (डीएसईके) की जाती है। ऐसे में कार्निया की परत को दो हिस्से में बांट लिया जाता है। कॉर्निया की सबसे भीतरी लेयर इंडोथीलियम होती है। अगर केवल इस लेयर को किसी कारणवश क्षति पहुंचती है, तो पूरी कॉर्निया का प्रत्यारोपण किया जाता है। यह आंखों की जांच के दौरान पता चलता है कि कौन सी परत खराब है। नई तकनीक से केजीएमयू में दान में मिले 19 कार्निया 38 लोगों में प्रत्यारोपित किए गए हैं। *उन्होंने बताया कि देश में लाखों लोग कार्नियल ब्लाइंडनेस के शिकार हैं।*
सदस्य : सुखवीर सिंह राठौर , डा॰ महेश शर्मा, अरुण चूघ, गुरविंदर मोमी आदि उपस्थित थे ॥