लखनऊ: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों को देर से वेतन देना और उसमे भी कटौती कर लेना अब आम बात होती जा रही है। सेवा प्रदाता फर्म की तरफ से इस तरह की मनमानी पिछले लंबे समय से जारी है। कई बार इसको लेकर शासन तक में बैठे अधिकारियों से शिकायत हुई, लेकिन कर्मचारियों को इसका कोई लाभ नहीं मिला।दरअसल, लोहिया संस्थान में सेवा प्रदाता फर्म सुदर्शन फैसिलिटी द्वारा नर्सिंग, कंप्यूटर आपरेटर तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत है। जिनको हर माह 15 तारीख के बाद वेतन दिया जा रहा है इतना ही नहीं वेतन से बिना कोई कारण 500 रुपए सैकड़ों कर्मचारियों के काट दिए गए । पिछले माह भी तमाम लोगो के वेतन से कटौती हुई थी।
इसके अलावा फर्म प्रिंसिपल सिक्योरिटी ने भी सुरक्षा कर्मियों का 500 से 1500 रुपए तक काट लिये, लेकिन कारण स्पष्ट नहीं किया। बाद में जब सुरक्षा कर्मियों ने प्रदर्शन किया। तो उसके बाद कटा हुआ वेतन देने की बात कही। वह भी नहीं दिया। बताया जा रहा है कि अल्प वेतनभोगी कर्मचारी अपना पूरा वेतन पाने के लिए दर बदर भटक रहे है । आरोप है कि फर्म के सुपरवाइजरों द्वारा कर्मचारियों से सीधे बात नही की जाती है और न ही सही कारण बताया जाता है।इस मामले को लेकर संविदा कर्मचारी संघ का प्रतिनिधि मंडल संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ ए के सिंह से मिला। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने फर्म के खिलाफी कार्यवाही करने की मांग की गई। जिसपर मुख्य चिकत्सा अधीक्षक द्वारा फर्म सुदर्शन फैसिलिटी और प्रिंसिपल सिक्योरिटी को स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया है। संविदा कर्मचारी संघ की तरफ से साफ किया गया है कि वेतन में कटौती और समय पर भुगतान न होने से कर्मचारियों में आक्रोश है। यदि इसके बाद भी वेतन का देर से भुगतान हुआ और वेतन कटौती होती रही तो संविदा कर्मचारी संघ जल्द ही बड़े आंदोलन को मजबूर होगा।
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